जिला परिषद स्कूलों की बिजली गुल, कैसे पढ़ेंगे पालघर के छात्र

जिला परिषद स्कूलों की दिक्कतें लाखो दावे के बाद भी कम नहीं होती। कभी कापी किताब की देरी तो कभी बिजली का धोखा। सरकारी स्कूलों के छात्रों के आगे संकट ही संकट है।

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जिला परिषद

जिला परिषद स्कूलों में शिक्षा स्तर सुधारने के लिए संसाधन विकास और डिजिटल माध्यमों का उपयोग किया जा रहा है। लेकिन महाराष्ट्र के पालघर में 443 स्कूलों में छात्र अब डिजिटल माध्यमों का उपयोग करने से वंचित हो जाएंगे। इन स्कूलों की बिजली गुल हो गई है।

जिला परिषद के 443 स्कूलों का बिजली कनेक्शन बिल बकाया रहने के कारण कट गया है। इन स्कूलों का करीब 75 लाख रुपए बिजली बिल बकाया है। बिजली कनेक्शन कट जाने के कारण स्कूलों में डिजिटल शिक्षा के लिए कंप्यूटर और अन्य उपकरण धूल फांक रहे हैं।

निधि से वंचित स्कूल
जिला परिषद स्कूलों में व्यावसायिक बिजली कनेक्शन जोड़े गए हैं, घरेलू कनेक्शन के मुकाबले व्यावसायिक बिजली का दर अधिक है। जिससे, 1500 रुपए के करीब बिजली बिल प्रति स्कूल आता है। स्कूलों का बिजली बिल भरने के लिए स्वतंत्र आर्थिक प्रावधान नहीं है। स्कूल परिसर तथा इमारतों की मरम्मत, रंगरोगन, शौचालयों की स्वच्छता तथा दुरुस्ती के लिए मिलने वाले वार्षिक निधि से बिजली बिल भरने की व्यवस्था की गई है। अगर बिजली बिल पर संपूर्ण निधि खर्च करें तो अन्य खर्च कहां से करें, यह समस्या स्कूलों के सामने खड़ी है। इसी क्रम में बिजली बिल भरने के लिए निधि कम पड़ने से स्कूलों की बिजली कट गई है। जिला परिषद तथा सरकार का बार-बार ध्यान आकर्षित करने पर भी कोई हल नहीं निकल पाया। जानकरों का कहना है, कि जिला परिषद स्कूलों के पास आर्थिक स्रोत नहीं रहने से बिजली बिल भुगतान करने की समस्या है। इसकी स्वतंत्र व्यवस्था होनी चाहिए।

जून से खुले हैं स्कूल
जिले के निजी स्कूलों में डिजिटल क्लास शुरू हो गई हैं। लेकिन जिला परिषद स्कूलों के कनेक्शन काट दिए गए हैं जिससे, उनमें व्यवस्था होने के बाद भी ये संभव नहीं हो सका है। यहां बिजली की सप्लाई ना होने से स्मार्ट क्लास चालू नहीं की जा सकी है। स्कूलों का बिजली कनेक्शन काटे जाने से यहां छात्र पंखे और पानी के बिना ही पढ़ाई करने को मजबूर हैं। सवाल यह उठ रहा है कि आखिरकार इस लापरवाही का जिम्मेदार कौन है?

बिन बिजली के स्कूल (तहसील के अनुसार)
♦ वसई 7
♦ जव्हार 91
♦ विक्रमगढ़ 53
♦ पालघर 13
♦ डहाणू 80
♦ तलासरी 64
♦ वाड़ा 68
♦ मोखाड़ा 67

निकले समाधान
सामाजिक कार्यकर्ता शोभा श्रीवास्तव ने कहा कि, जिला परिषद स्कूलों में बिजली सप्लाई न होने के कारण छात्र अंधेरे में शिक्षा लेने को मजबूर है। साथ ही छात्रों के लिए आए इलेक्ट्रानिक उपकरण बिना उपयोग के ही खराब हो रहे है। जल्द स्कूलों के बिजली कनेक्शन को जोड़ा जाए। जिला परिषद के उपाध्यक्ष पंकज कोरे ने कहा कि बकाया बिजली बिल भरकर शीघ्र ही सभी स्कूलों की बिजली सप्लाई शुरू करवाई जाएगी।

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