श्री राम चंद्र मिशन इसलिए बना हुआ है विश्व के लिए प्रेरणा का स्रोत!

श्री राम चंद्र मिशन के कार्यक्रम में वर्चुअली शामिल हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में मिशन के 75 वर्ष पूरे होने पर बधाई दी।

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श्री राम चंद्र मिशन संपूर्ण विश्व के लिए पिछले 75 साल से प्रेरणा का स्रोत बना हुआ है। दाजी के नाम से मशहूर इसके अध्यक्ष एवं गाइड कमलेश पटेल की कर्मठता से इस संस्था ने कई उपलब्धियां हासिल की हैं। इस मिशन द्वारा संचालित योग के साथ सहज मार्ग तथा हार्टफुलनेस कार्यक्रम विश्व के लिए आशा की किरण बने हुए हैं।

इस मिशन के कार्यक्रम में वर्चुअली शामिल हुए विदाई समारोह में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में श्री रामचंद्र मिशन के 75 वर्ष पूरे होने पर बधाई दी और जीवन की अनिश्चितताओं से जूझने के लिए योग और ध्यान की आवश्यकता पर जोर दिया।

वर्चुअल विदाई समारोह में लाखों लोग हुए शामिल
इस वर्चुअल विदाई समारोह में मिशन के अध्यक्ष कमलेश पटेल के साथ ही हार्टफुलनेस के लाखों लोग शामिल हुए।
बता दें कि इस मिशन के तहत विश्व भर के 150 देशों के लाखों लोगों के मध्य राज योग की प्राचीन पद्धति के आधुनिक स्वरुप का प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। दैनिक जीवन में इसे अपनाकर जीवन को स्वस्थ और सुखमय बनाने के लिए इस मिशन का विश्व भर के लाखों लोग लाभ उठा रहे हैं।

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कमलेश पटेल के प्रयासों की सराहना की
पीएम ने हार्टफुलनेस के गाइड कमलेश पटेल के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि आज की भागती-दौड़ती दुनिया में लोगों को स्वस्थ और ऊर्जावान रखने में यह महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है। इसके हजारों सेवक व प्रशिक्षक योग और ध्यान की कला से दुनिया को अवगत कर रहे हैं। यह मानवता की महान सेवा है।

शांति प्राप्त करने का एक अचूक मार्ग
इस मौके पर कमलेश पटेल ने कहा, ‘हार्टफुलनेस मेडिटेशन में रुपांतकारी प्रभाव तथा जीवन शक्ति निहित है, जो हमारे अभ्यास का एक अद्वितीय अंग है। कुछ ही हफ्तों के भीतर हार्टफुलनेस का अभ्यास समाधि की ओर ले जाने वाला शांति प्राप्त करने का एक अचूक मार्ग है।

बंजर भूमि को हरियाली से भर दिया
श्री राम चंद्र मिशन के कान्हा शांतिवनम् का निर्माण एक ऐसी भूमि पर हुआ है, जो पहले बंजर थी। लेकिन अब यहां हरियाली ही हरियाली है। पांच वर्षों से कम समय में ही इस सूखाग्रस्त क्षेत्र का रुप बदल गया है। अब यहां वनस्पतियों को फलते-फूलते देखा जा सकता है। आसपास का वातावरण भी बदल गया है। इसे विश्व स्तर के पर्यावरण अनुकूल प्रथाओं के लिए आईजीबीसी द्वार प्लेटिनम रेटिंग से सम्मानित किया गया है। इसके साथ ही ग्रीन परियोजना के लिए तेलंगाना सरकार द्वारा इसे दो बार हरिता हरम सम्मान से सम्मानित किया गया है।

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