Breach in Parliament security: ललित झा की करतूत से पूरा गांव हैरान, जानें कैसी है पारिवारिक पृष्ठभूमि

रामपुर उदय गांव के लोगों ने बताया कि ललित और उसके परिवार के पास नाम मात्र की संपत्ति है। गांव में रोजी-रोटी चलाना संभव नहीं था। इसलिए पूरा परिवार पश्चिम बंगाल में बस गया। तीज-त्योहार और खेती के मौके पर ललित और उसके परिवार का गांव में आना-जाना होता है।

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Breach in Parliament security:  संसद की सुरक्षा में सेंध लगाने की घटना के मास्टरमाइंड ललित झा (Mastermind Lalit Jha) का संबंध बिहार के दरभंगा जिले (Darbhanga district) से है। इस घटना ने दरभंगा जिले के रामपुर उदय गांव के लोगों को हैरान (Whole village shocked)कर दिया है । ललित झा बहेड़ा थाने के रामपुर उदय गांव का ही मूल निवासी है। उसके पिता देवानंद झा पुजारी हैं। पंडतई से ही रोजी-रोटी चलाते हैं। भाई बिजली मिस्त्री है। इस घटना में ललित झा का नाम और चेहरा सामने आया तो न परिवार के लोगों को यकीन हुआ और न ही गांव के लोगों को। बिहार पुलिस ने ललित झा के घर पहुंच कर छानबीन शुरू की है।

बेहद सामान्य है ललित की पारिवारिक पृष्ठभूमि
दरभंगा के वरीय पुलिस अधीक्षक अवकाश कुमार ने बताया कि ललित की पारिवारिक पृष्ठभूमि बेहद सामान्य है। पुलिस ने उसके घर और आसपास के लोगों से भी पूछताछ की लेकिन अब तक कोई खास जानकारी नहीं मिल पाई है। रामपुर उदय गांव के लोगों ने बताया कि ललित और उसके परिवार के पास नाम मात्र की संपत्ति है। गांव में रोजी-रोटी चलाना संभव नहीं था। इसलिए पूरा परिवार पश्चिम बंगाल में बस गया। तीज-त्योहार और खेती के मौके पर ललित और उसके परिवार का गांव में आना-जाना होता है। ललित झा के पिता देवानंद झा बंगाल में ही पूजा-पाठ कर अपना परिवार चलाते हैं। छोटा भाई बंगाल में ही बिजली मिस्त्री है। एक और भाई कपड़े की दुकान में काम करता है।

ललित के कारनामे से पिता हैरान
पिता देवानंद झा ने बताया कि वे ललित के कारनामे से हैरान हैं। उनका परिवार 10 दिसंबर को गंगासागर एक्सप्रेस से खेती-बाड़ी के काम से गांव आया था। गांव में थोड़ी बहुत जमीन है। पहले से तय था कि ललित भी गांव आएगा। जिस दिन गांव आना था उसी दिन वह बिना कोई जानकारी दिए अचानक दिल्ली चला गया। उन्हें ललित के कारनामे की जानकारी अखबार- टीवी से मिली।

गरीबी से जूझता रहा है परिवार
देवानंद ने बताया कि उनका परिवार गरीबी से जूझता रहा है। ललित झा ने जब इंटर की पढ़ाई पूरी कर ली तो उसे मेडिकल परीक्षा की तैयारी करने को कहा गया। लेकिन गरीबी के कारण वह कोचिंग और आगे की पढ़ाई नहीं कर सका। इसके बाद वह बच्चों को ट्यूशन पढ़ाने लगा था।(हि.स.)

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