पश्चिम बंगाल : आवाज पर बवाल, तृणमूल कार्यकर्ताओं ने की कवि की पिटाई

पीड़ित कवि कल्लोल सरकार वर्ष 2018 के पंचायत चुनाव में मतदान नहीं कर पाए थे। अपनी व्यथा व्यक्त करते हुए कल्लोल सरकार ने सरकार के खिलाफ एक कविता लिखी थी। आरोप है कि सोशल मीडिया पर कविता पोस्ट करने के बाद कल्लोल शासक दल की आंखों में खटकने लगे थे।

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पश्चिम बंगाल में सत्ता से सवाल करना एक कवि को महंगा पड़ गया। आरोप है कि तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने रास्ता रोककर कवि की जमकर पिटाई की। इस बाबत कवि ने थाने में लिखित शिकायत दर्ज करवाई है। घटना नदिया जिला अंतर्गत शांतिपुर के गोबिंदपुर इलाके की है।

पीड़ित कवि कल्लोल सरकार वर्ष 2018 के पंचायत चुनाव में मतदान नहीं कर पाए थे। अपनी व्यथा व्यक्त करते हुए कल्लोल सरकार ने सरकार के खिलाफ एक कविता लिखी थी। आरोप है कि सोशल मीडिया पर कविता पोस्ट करने के बाद कल्लोल शासक दल की आंखों में खटकने लगे थे। इसके बाद गत 25 जुलाई की शाम घर लौटते समय शांतिपुर के गोबिंदपुर इलाके में कल्लोल का रास्ता तृणमूल कांग्रेस के गुंडों ने रोक लिया और उनकी जमकर पिटाई कर दी। पीड़ित कवि ने उसी दिन शांतिपुर स्टेट जनरल अस्पताल में अपना इलाज करवाया और शांतिपुर थाने में मामले की लिखित शिकायत दर्ज करवाई। अभी भी उनके शरीर पर चोट के निशान मौजूद हैं। पुलिस ने घटना की जांच शुरू कर दी है।
उल्लेखनीय है कि 34 वर्षीय कल्लोल सरकार शांतिपुर थाने के बाबला ग्राम पंचायत के गोबिंदपुर निवासी हैं। उन्होंने कई साहित्यिक पत्रिकाओं का संपादन किया है और उनकी खुद की लिखी कविताओं की एक किताब भी है।

गत 25 जून को उन्होंने अपनी कविता ”बिद्रोह” सोशल मीडिया पर पोस्ट की थी। इसके बाद से ही तृणमूल कार्यकर्ताओं के निशाने पर थे। राज्य की मुख्य विपक्षी पार्टी भाजपा ने सिर्फ कविता लिखने को लेकर कवि पर हमले की घटना की निंदा की है। नादिया दक्षिण सांगठनिक जिला भाजपा सचिव सोमनाथ कर ने इस घटना की निंदा की है।

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