कोलकाता उच्च न्यायालय के ‘इस’ फैसले से अभिषेक बनर्जी की साली पर लटकी गिरफ्तारी की तलवार

कोयला तस्करी मामले में करोड़ों रुपये का लेनदेन बैंकॉक के खाते में हुआ है, जो मेनका से जुड़े हैं।

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पश्चिम बंगाल के बहुचर्चित कोयला तस्करी मामले में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी की साली मेनका गंभीर की मुश्किलें बढ़ गई हैं। 6 जनवरी को कलकत्ता उच्च न्यायायल ने उनकी गिरफ्तारी पर लगी रोक हटा दी है। न्यायमूर्ति राजशेखर मंथा की एकल पीठ ने इस संबंध में मेनका की गिरफ्तारी पर लगी रोक को हटाते हुए गंभीर की ओर से दाखिल वह याचिका भी खारिज कर दी जिसमें उन्होंने अपने खिलाफ चल रही केंद्रीय एजेंसी की जांच पर रोक लगाने की मांग की थी। इसके साथ ही ईडी एक बार फिर उनसे पूछताछ करने की तैयारी में जुट गई है।

ये है मामला
दरअसल मवेशी तस्करी और कोयला तस्करी मामले में मेनका से पूछताछ के लिए ईडी ने दिल्ली बुलाया था लेकिन उन्होंने इसके खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी। इसी पर न्यायमूर्ति मौसमी भट्टाचार्य की एकल पीठ ने कहा था कि ईडी मेनका से कोलकाता में पूछताछ करेगी और उन्हें गिरफ्तार नहीं किया जा सकेगा। उन्होंने इसकी समय सीमा निर्धारित की थी जो खत्म हो गई, जिसके बाद गुरुवार को ईडी ने मेनका की गिरफ्तारी पर लगी रोक खत्म करने का आवेदन किया था जिस पर शुक्रवार को सुनवाई हुई और अब उन्हें हिरासत में लेने पर कोई रोक नहीं है। हालांकि मेनका के पास यह अधिकार है कि वह ईडी के खिलाफ नए सिरे से याचिका लगा सकती हैं। ईडी भी अब मेनका के खिलाफ किसी भी तरह की कार्रवाई के लिए स्वतंत्र है। अब देखने वाली बात होगी कि उनके खिलाफ क्या कुछ कदम उठाया जाता है।

बैंकॉक के खाते से जुड़े हैं लेनदेन
उल्लेखनीय है कि कोयला तस्करी मामले में करोड़ों रुपये का लेनदेन बैंकॉक के खाते में हुआ है, जो मेनका से जुड़े हैं। उनके मां-बाप वहीं रहते हैं और उनकी बहन रूजीरा अभिषेक की पत्नी हैं। दोनों बैंकॉक में पली-बढ़ी हैं। इसीलिए ईडी अभिषेक बनर्जी के साथ उनकी पत्नी रुजीरा और साली मेनका के खिलाफ जांच कर रही है।

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