स्वतंत्रता के बाद दूसरी बार बजट में होगा ऐसा… जानें कारण?

कोविड-19 महामारी के साए में वर्ष 2021-22 का बजट पेश हो रहा है। सरकार के समक्ष इस बजट में नई चुनौतियां हैं और लोगों की उम्मीदें बढ़ी हुई हैं। अर्थ व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए उद्योग जगत भी नजरें गड़ाए हुए है।

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देश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए इस बार बजट में आंकड़ों की जोड़तोड़ पहले से अधिक है। इस बीच खबर है कि इस बार बजट की प्रतियां भी नहीं छापी जाएंगी। सरकार सांसदों को बजट की प्रतियां डिजिटल प्रणाली से उपलब्ध कराएगी। स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद दूसरी बार ये हो रहा है। जब सरकार बगैर प्रतियां छापे बजट जारी करेगी।

देश में कोविड-19 का प्रोटोकॉल लागू है। ऐसी स्थिति में आम बजट को छापने के लिए लगनेवाली तैयारियां प्रभावित हुई हैं। जिसके कारण इस बार बजट की प्रतियां नहीं छापी जाएंगी। इसके पहले देश के पहले बजट जो 26 नवंबर 1947 को पेश हुआ था उसमें ऐसा हुआ था।

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नहीं होगी ‘हलवा’ सेरेमनी

हर बार बजट की प्रतियां छापने के लिए वित्त विभाग के 100 कर्मचारी महीनों पहले प्रिटिंग प्रेस में ठहराए जाते थे। ये कर्मी बजट की प्रतियां छपने के बाद जब सदन में पेश होने के लिए जाता था जब बाहर निकलते थे। इसकी शुरुआत होती थी हलवा सेरेमनी से। इस सेरेमनी के साथ ही कर्मचारी वित्त मंत्रालय के छापाखाने में ठहर जाते थे और छपाई की शुरूआत होती थी। लेकिन इस बार कोविड-19 प्रोटोकॉल के कारण यह संभव नहीं है।

पहली बार होगा ऐसा होगा बजट – वित्त मंत्री

वर्ष 2021-22 का बजट 7.7 प्रतिशत के आर्थिक कॉन्ट्रेक्शन के परिदृश्य में पेश हो रहा है। जो देश के इतिहास में पहली बार है। इसे लेकर सभी की दृष्टि अब बजट पर टिकी हैं। इससे उम्मीद है कि ये सभी वर्ग को आर्थिक तंगी से उबरने में सहायक होगा। इसके साथ ही महामारी की मार से त्रस्त अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने में सहायता करेगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पिछले महीने वचन दिया था कि ये बजट ऐसा होगा जैसा पहले कभी नहीं पेश हुआ था।

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बीजेपी सरकार ने तोड़ी ये प्रथा

  • फरवरी अंत में बजट पेश करने की पुरानी प्रथा को मोदी सरकार ने बदलकर 1 फरवरी कर दिया। इससे सरकारी विभागों को बजट को योजनाबद्ध तरीके से आबंटित करने के लिए अधिक समय मिलता था।
  • यशवंत सिन्हा के वित्त मंत्रित्व काल से बजट पेश करने का समय 5 बजे सायंकाल से 11 बजे सुबह कर दिया गया। सायं 5 बजे बजट पेश करने की प्रथा अंग्रेजों के शासनकाल से जारी थी। इसके पीछे ये कारण था कि जब भारत में बजट पेश किया जाता था तो ब्रिटेन के दोनों सभागृहों, हाउस ऑफ कॉमन्स और हाउस ऑफ लॉर्ड्स के सांसद बैठकर सुनते थे।

केंद्रीय बजट 2021-22 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार का 8वीं बजट होगा। इसे 1 फरवीर 2021 को पेश किया जाएगा। जबकि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण तीसरी बार पूरा बजट पेश करेंगी।

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