पालघर साधु हत्याकांड: दो वर्ष बाद कहां पहुंची जांच?

पालघर में हुई हत्याओं के बाद हिंदू संगठनों ने इसमें शंका उत्पन्न की थी। उनका आरोप था कि, इस प्रकरण के पीछे स्थानीय वाम पंथी विचारों के लोग हैं।

154

16 अप्रैल 2020 को पालघर के गडचिंचले गांव में तीन लोगों की बहुत निर्ममता से हत्या हो गई थी। इन लोगों को भीड़ ने पीट-पीटकर मौत के घाट उतार दिया था, जो वीडियो सामने आया था, उसमें स्पष्ट दिख रहा था कि कैसे वहां ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मी अपना पीछा छुड़ाते हुए जान की भीख मांगते वृद्ध साधु समेत तीन लोगों को भीड़ के हाथ सौंप दिया।

गडचिंचले गांव की खूनी रात का भयावह वीडियो जब वायरल हुआ तो, उसने सभी के मस्तिष्क को हिलाकर रख दिया। पुलिस कर्मियों की उपस्थिति में जिस जघन्य रूप से लाठी-डंडे और पत्थर से पीट-पीटकर हत्या हुई वह अमानवीय होने के साथ कानून व्यवस्था पर काला धब्बा थी। इस प्रकरण में लगभग 200 लोग गिरफ्तार हुए थे। जिनमें से अधिकांश ने बॉम्बे उच्च न्यायालय से जमानत प्राप्त कर ली है।

ये भी पढें – By-Election Result कोल्हापुर में सत्यजीत कदम थमे, कांग्रेस की जीत

10 हजार पन्नों का आरोप पत्र
पालघर के गडचिंचले गांव में महंत सुशील गिरी महाराज (35 वर्ष), महंत कल्पवृक्ष गिरी (65 वर्ष) और कार चालक निलेश तेलगडे (30 वर्ष) की जघन्य हत्या के मामले में पुलिस ने दो हिस्सों में आरोप पत्र दायर किये हैं। इसमें 126 लोगों को आरोपी दिखाया गया है, पहला आरोप पत्र 4,995 पन्नों का था, इसके बाद 5,921 पन्नों का दूसरा आरोप पत्र दायर किया गया था।

सीआईडी ने अपनी रिपोर्ट में यह माना है कि, इस निर्मम हत्या के पीछे कोई सांप्रदायिक कारण नहीं था। लोगों ने अफवाहों के चलते इस घटना को अंजाम दिया था।

अधिकतर आरोपी बाहर
इस प्रकरण में गिरफ्तार आरोपियों में से अधिकतर ने उच्च न्यायालय से जमानत प्राप्त कर ली है। सुनवाई में न्यायालय ने वीडियो को भी आधार माना है। ऐसे में जमानत उन लोगों को दी गई है, जिनकी भूमिका नहीं दिखी थी। अब इस प्रकरण के घटित होने के दो वर्ष बाद जांच और न्यायालय की सुनवाई अपनी गति से चल रही है। जिसके कारण निर्णय आने में अभी समय लग सकता है।

Join Our WhatsApp Community
Get The Latest News!
Don’t miss our top stories and need-to-know news everyday in your inbox.