Israel Hamas War: वो 45 मिनट और हमास के आतंकवादियों का वीभत्स उन्माद

हम सब आज दिवाली मना रहे हैं लेकिन दूर इजराइल में कई घरों में हमेशा के लिये अंधेरा छा गया है।

874

– मंजिरी मराठे

जो मैंने देखा उससे सिर चकरा गया, दिमाग सुन्न हो गया। संसार में क्रूर, विकृत लोग भी हैं। लेकिन धर्म के नाम पर लोगों से जीने का अधिकार छीननेवाले, चींटियों की तरह लोगों को कुचलकर जश्न मनाने वालों को इन्सान भी कैसे कहें? मैंने ऐसी क्रूरता देखी कि उन्हें जानवर कहा तो वह जानवरों का अपमान होगा।

हम सब आज दिवाली मना रहे हैं लेकिन दूर इजराइल (Israel) में कई घरों में हमेशा के लिये अंधेरा छा गया है। कई घर तबाह हो गए हैं, कई घर उजड गए हैं, बच्चे अनाथ हो गए हैं। माता-पिता को उनके बच्चों के सामने ही मौत के घाट उतार दिया गया। माता-पिता के साथ छोटे-छोटे बच्चों, बेजुबान जानवरों को भी हमास के जानवरों ने अट्टहास करते हुए अपना शिकार बनाया । बिलकुल सहजता से लोगों को गोली मारने के बाद उनका उन्मादी और राक्षसी अट्टहास भयानक था। ऐसा लग रहा था, जैसे उन्होंने कोई अपराध या पाप नहीं बल्कि महा पुण्य का काम किया हो।

इजरायली वाणिज्य दूतावास ने कुछ लोगों को 45 मिनट का भयानक वीडियो दिखाया। ये वीडियो आतंकवादियों द्वारा गोप्रो (कैमरा) का उपयोग करके, पीड़ित के मोबाइल फोन से, कार में लगे कैमरे से लिए गए हैं। हमास ने भी इसे सोशल मीडिया पर खूब वाहवाही के साथ वायरल किया। गर्दन पर तब तक फावड़ा चलाना, जब तक सिर धड़ से अलग न हो जाए… क्या धर्म हमें ऐसी क्रूरता और दरिंदगी करने को कहता है? भगवान तो दुष्टों का नाश करने वाले होते हैं। लेकिन उनका भगवान, अल्लाह उनसे कहता है कि जो उस (अल्लाह) पर विश्वास न करे,उसे जीने का ही अधिकार नहीं है।

यह भी पढ़ें- इजराइल ने लेबनान और सीरिया के आतंकी ढांचों पर किया हमला

हमारे पूर्वी बंगाल के नोआखाली में हिंदुओं का नरसंहार, महिलाओं पर हुए अत्याचार हम मराठी साहित्यकार पु. भा भावे की कहानी से जान गये, कश्मीरी पंडितों के नरसंहार के बारे में जान चुके थे, अपने देश में और मुंबई में हुए आतंकी हमलों को देखकर हम सभी हैरान रह गये थे, बहुत ही दुखी हुए थे। लेकिन अब मैंने जो देखा, वह भुलना मुश्किल ही नहीं नामुकिन है।

हम जैसे ही इंसान और इतनी क्रूरता। मैंने लाशों के ढेर देखे। असंख्य जली हुई लाशें देखीं। मांस और रक्त से सनी हुई मिट्टी देखी, क्षत-विक्षत शवों के पहाड़ देखे। लंबी सड़क के दोनों ओर हमने आतंकियों की क्रूरता के शिकार हुए लोगों की टुटी फुटी सेकडो कारें देखीं। मरे हुए पर बार- बार गोलींया बरसाकर बड़े हर्षोल्हास से अल्लाह हू अकबर चिल्लाने वाले आतंकवादियों का उन्माद देखा। एक आतंकी अपने माता-पिता को फोन कर कह रहा था, दस बार वही बातें दोहरा रहा था। “व्हॉट्सअप देखो, व्हॉट्सअप देखो, जिसको मारा उसी के फोन से आपको व्हॉट्सअप किया है। आपका बेटा हीरो बन गया है। आपके बेटे ने 10 लोगों को मार डाला है।” और बाप जवाब देता है, “उनका सिर लाओ और उनका खिलौना बनाओ । (आप में से कई लोगों ने सिर का फुटबॉल बनाकर खेलने वाले हमास के आतंकियों का वीडियो देखा होगा) लड़का अपनी मां से बात करता है, खुशी से रोते हुए मां अपने बेटे से कहती है, “मार डालो, मार डालो, मार डालो।” ऐसे भी माता-पिता हैं, जो बच्चों को ऐसा पढ़ाते हैं?

गाजापट्टी में पकड़े गये इजरायली सैनिकों को हमास के आतंकियों ने मार गिराया और उनके सिर पर लात मारते रहे। न केवल हमास के आतंकवादी, बल्कि गाजा के नागरिक भी लात मारने का मजा ले रहे थे।

7 अक्टूबर को, हमास के आतंकवादियों ने सुक्कोथ त्योहार के अवसर पर रेईम म्यूजिक फेस्टिवल में एकत्र हुए हजारों नागरिकों पर अंधाधुंध गोलियां बरसाईं। कारों पर फायरिंग की। कार में पड़ी लाशों के बाल, कपड़े, हाथ, पैर जो भी कुछ हाथ लगे, उसे पकड़कर घसीटकर बाहर निकाल रहे थे। अगर किसी के शरीर में जरा-सी भी जान है, ऐसा उन्हें लगता, तो वे उसे गोलियों से छलनी कर मौत के घाट उतार रहे थे।

हमास के दरिंदों ने न केवल घरों में, यहां तक ​​कि किंडरगार्टन में घुसकर भी गोलींया बरसायीं। ऐसे ही एक घर के वीडियो में दो बच्चे, जिनके माता-पिता मारे गए है, वे अपनी जान बचाने के लिए पहले पूरे घर में इधर-उधर भाग रहे थे। लेकिन दरिदों का दिल नहीं पसीजा। गोली लगने से एक लड़के की आंखों की रोशनी चली गई । वह कहता रहा,”मुझे कुछ दिखाई नहीं देता।” लेकिन दूसरा बच्चा वह बात समझ नहीं पाया और चिल्लाता रहा, “मेरी मां कहां है, मुझे मेरी मां चाहिए। वह पूरी ताकत से चिल्लाता रहा, “मुझे भी मार डालो।” बाद में वीडियो दिखना बंद हो गया लेकिन आने वाली आवाजें और चीखें बताती रही कि बच्चों का क्या हाल हुआ होगा।

दुष्टों का नाश करने वाला तो भगवान होता है। लेकिन उनका भगवान, उनका अल्लाह कहता है कि काफिरों को मार डालो। हमारे कई स्वयंभू बुद्धिजीवी, एसी में बैठकर बड़ी- बड़ी बातें करनेवाले, अपनी बिकी हुई कलम चलानेवाले कई लोग, हमास के विरुद्ध इजराइल के प्रतिशोध को अमानवीय मानते हैं। वे अपने ही देश में आतंकवादी हमलों में जान गंवानेवाले, विकलांग हुए निर्दोष नागरिकों के परिजनों से पूछें कि आतंकवादियों को जवाब देना सही है या गलत। आतंकियों से लड़ते- लड़ते हुतात्मा हुए वीर जवानों की वीर माताओं से, उनकी वीर पत्नियों से, अनाथ हुए उन के नन्हे-नन्हे बच्चों से पूछो कि इजरायल ने किया, वह सही था या गलत?

फटे होंठ; फटी आंखें और कान; फटी हुई नाक, खोपड़ी; हाथ- पांव की टूटी हुई हड्डियां; शरीर पर कई सारे भयानक चोटों के, जलने के निशान ऐसी अवस्था में दुर्भाग्य से जिन्हें अपने प्यारे बेटे का शव देखना पड़ा हो, ऐसे हुतात्मा सौरभ कालिया के माता-पिता से पूछें कि आतंकवादीयों को खत्म कर देना चाहिये या नहीं? आज जब हम, अपने घरों में खुशी का त्योहार मना रहे हैं तो कम से कम इजरायल के यहूदी भाइयों को यह बताने की संवेदनशीलता दिखाएं कि हम आपके साथ हैं। ये संकट सिर्फ अपनी सरहदों पर ही नहीं बल्कि अपने पूरे देश में फैलता जा रहा है। जब ये हमारे ही घर के दरवाजे पर दस्तक देगा तो फिर मानवता का गला घोंटे जाने का शोर मचाने से कुछ नहीं होगा, तब इजरायल की तरह देश के प्रत्येक नागरिक को सेना के साथ खड़े रहना होगा और आतंकियों को मुंहतोड़ जवाब देना होगा।

देखें यह वीडियो- 

Join Our WhatsApp Community
Get The Latest News!
Don’t miss our top stories and need-to-know news everyday in your inbox.