Uttar Pradesh: टल गया बड़ा हादसा, इटावा में शिवगंगा एक्सप्रेस ने तोड़ा रेड सिग्नल; ऐसे रोकी गई ट्रेन

बुधवार सुबह करीब सात बजे साम्हो और भरथना रेलवे स्टेशन की मध्य अप लाइन पर वाराणसी से नई दिल्ली जा रही शिवगंगा एक्सप्रेस लाल सिग्नल पार कर गई।

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उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के इटावा (Etawah) में एक बड़ा हादसा (Accident) टल गया। वाराणसी (Varanasi) से नई दिल्ली (New Delhi) जा रही शिवगंगा एक्सप्रेस (Shivganga Express) बुधवार (31 जनवरी) को दुर्घटनाग्रस्त (Accident) होने से बाल-बाल बच गई। ट्रेन साम्हो (Samho) और भरथना रेलवे स्टेशन (Bharthana Railway Station) के बीच लाल सिग्नल (Red Signal) पार कर आगे बढ़ गई। इस घटना की जानकारी जब रेलवे अधिकारियों (Railway Officials) को मिली तो कंट्रोल रूम (Control Room) में हड़कंप मच गया। लोको पायलट (Loco Pilot) ने ब्रेक लगाकर ट्रेन रोकी और दूसरी ओर सतर्कता बरतते हुए ओएचई काटकर बिजली सप्लाई बंद कर दी।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, जिस वक्त यह हादसा होते-होते बच, हमसफर एक्सप्रेस उसी लाइन पर स्टेशन पर खड़ी थी। अधिकारियों ने दोनों लोको पायलटों से पूछताछ की और उनका मेडिकल परीक्षण भी कराया। ट्रेन करीब ढाई घंटे तक वहीं खड़ी रही। दूसरे ड्राइवर और गार्ड के आने पर ट्रेन आगे बढ़ी।

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80 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ रही थी एक्सप्रेस
रेलवे सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, सुबह 7:15 बजे शिवगंगा एक्सप्रेस साम्हो और भरथना के बीच गुजर रही थी। सुबह-सुबह घना कोहरा होने के कारण चालक को लाल सिग्नल नहीं दिखा और उसने गाड़ी सिग्नल पर ले ली। शिवगंगा एक्सप्रेस 80 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल रही थी। जब केबिनमैन और गार्ड को पता चला कि ट्रेन रेड सिग्नल पार कर चुकी है। वॉकी-टॉकी के जरिए यह सूचना लोको पायलट और कंट्रोल रूम तक पहुंची। लोको पायलट ने ब्रेक लगाकर ट्रेन रोकी और दूसरी ओर सतर्कता बरतते हुए ओएचई काटकर बिजली सप्लाई बंद कर दी।

25 मिनट बाद रवाना हुई शिवगंगा एक्सप्रेस
उत्तर मध्य रेलवे के जनसंपर्क अधिकारी अमित सिंह ने बताया कि जांच की जा रही है। लापरवाही पाए जाने पर दोनों लोको पायलटों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी। कानपुर से नई दिल्ली तक ऑटोमैटिक सिग्नल हैं। यह सिस्टम फुलप्रूफ है, इसलिए सिग्नल में कोई कमी नहीं आ सकती। जब यह घटना सामने आई तो लोको पायलट और ट्रेन मैनेजर दोनों को ट्रेन से उतार लिया गया। कंट्रोल रूम की सूचना पर टूंडला जंक्शन से दो लोको पायलटों को वैशाली एक्सप्रेस से भेजा गया। उन्होंने शिवगंगा एक्सप्रेस के इंजन का निरीक्षण किया। करीब 25 मिनट बाद वे ट्रेन से चले गये।

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