दादरा और नगर हवेली लोकसभा क्षेत्र के निर्दलीय सांसद मोहन डेलकर का शव मुंबई के एक होटल से प्राप्त किया गया है। यह होटल मुंबई के मरीन ड्राइव इलाके में स्थित है। उनके शव के पास से एक सुसाइड नोट भी बरामद किया गया है। शुरुआती जांच में इसे सुसाइड का मामला बताया गया है।
घटना की सूचना मिलते ही मरीन ड्राइव पुलिस मौके पर पहुंच गई। उनके शव के पास से गुजराती में लिखा गया सुसाइड नोट बरामद किया गया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार डेलकर ने फांसी लगाकर अपनी जान दे दी। वे होटल सी ग्रीन के पाचवें माले पर एक कमरे में ठहरे हुए थे। फिलहाल पुलिस इस मामले की जांच कर कर रही है। उसे पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार है। उनके शाव को पोस्टमार्टम के लिए जेजे अस्पताल भेज दिया गया है।
निजी काम से आए थे मुंबई
मिली जानकारी के अनुसार मोहन डेलकर अपने किसी काम से मुंबई आए थे। उनकी मौत की खबर उनके समर्थकों को दे दी गई है। पुलिस उनकी मौत के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करने की कोशिश में जुट गई है। इसके लिए वह होटल कर्मचारियों से भी पूछताछ करेगी।
The body of Lok Sabha MP Mohan Delkar was found in a hotel in Marine Drive Police Station area today. A suicide note was found at the spot. ASP, Colaba is investigating the matter: Mumbai Police Spokesperson Chaitanya S pic.twitter.com/CGjZi9Ejgr
— ANI (@ANI) February 22, 2021
सात बार रहे सांसद
डेलकर दादरा और नगर हवेली लोकसभा क्षेत्र से निर्दलीय सांसद थे। 58 वर्षीय डेलकर 1989 में पहली बार इस संसदीय क्षेत्र से चुने गए थे। उसके बाद वे सात बार सांसद चुने गए। वे पहली बार भारतीय नवशक्ति पार्टी के सांसद बने थे। वर्ष 2009 में वे कांग्रेस में शामिल हो गए थे। हालांकि 2019 में वे बतौर निर्दलीय चुनाव मैदान मे उतरे थे और जीत दर्ज की थी। उन्होंने नथुभाई गोमनभाई पटेल को करीब 9 हजार वोटों से हराया था।
सुसाइड की ये है वजह
गुजराती में लिखे सुसाइड नोट में मोहन डेलकर ने बडे नेताओं के नाम का जिक्र किया है। उन्होंने लिखा है कि बड़े नेता उन्हें अपमानित करते हैं। वे कई बार पक्षपात के भी शिकार हुए हैं। हालांकि पुलिस ने इस बारे में अभी तक कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी है।
आदिवासियों के लिए किया संघर्ष
डेलकर का जन्म 19 दिसंबर 1962 को सिलवासा में हुआ था। उन्होंने ट्रेड यूनियन लीडर के रुप मे अपना करियर शुरू किया था। उन्होंने यहां अलग-अलग कारखानो नें काम करनेवाले आदिवासी लोगों के हित मे आवाज उठाई और संघर्ष किया।
गृह मंत्रालय की परामर्श कमेटी के सदस्य
डेलकर को गृह मंत्रालय की परामर्श कमेटी में नियुक्त किया गया था। गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में बनी कमेटी में लोकसभा और राज्यसभा के कुल 28 सदस्यों को जगह दी गई है। 17वीं लोकसभा के 15वें वरिष्ठ सांसदों की सूची में उनका नाम रामविलास पासवान के बाद दूसरे नंबर पर आता है।