मणिपुर हिंसा: सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार को दिया ये आदेश, अब अगली सुनवाई 17 मई को

मणिपुर में हुई हिंसा के बाद 8 मई को सुबह कुछ घंटों के लिए कर्फ्यू में ढील दी गई।

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केंद्र (Central) और मणिपुर सरकार (Government of Manipur) ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) को बताया कि मणिपुर में स्थिति सामान्य हो रही है। केंद्र और मणिपुर सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने बताया कि मणिपुर में स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए कदम उठाए गए हैं। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और मणिपुर सरकार से दस दिन में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है।

सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि पिछले दो दिनों में कोई अप्रिय घटना नहीं हुई है और कर्फ्यू में धीरे-धीरे ढील दी जा रही है। उन्होंने कहा कि राज्य में सीएपीएफ की 55 कंपनियां और सेना की 100 से ज्यादा कंपनियां तैनात हैं।

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सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को दिया निर्देश
साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने मणिपुर हिंसा के दौरान विस्थापित हुए लोगों के पुनर्वास के लिए सभी जरूरी कदम उठाने का आदेश दिया है। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने राहत शिविरों में उचित व्यवस्था पर जोर दिया है और सरकार से लोगों को बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराने को कहा है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ये मानवीय मुद्दे हैं, इसलिए राहत शिविरों में जरूरी इंतजाम किए जाएं।

मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने सुनवाई की
मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने हिंसा के बाद की स्थिति को मानवीय मुद्दा करार दिया। उन्होंने कहा कि राहत शिविरों में उचित व्यवस्था की जाए और वहां शरण लिए लोगों को भोजन, राशन और चिकित्सा जैसी बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराई जाएं। केंद्र और राज्य सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने पीठ को हिंसा से निपटने के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी दी और कहा कि सेना और असम राइफल्स के अलावा केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों की 52 कंपनियों को तैनात किया गया है। हिंसा प्रभावित क्षेत्रों। कर दी गई।

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मामले में अगली सुनवाई 17 मई को होगी
शीर्ष अदालत ने पूजा स्थलों की सुरक्षा के लिए पर्याप्त कदम उठाने का आदेश दिया है। आपको बता दें कि मणिपुर की पहाड़ियों में रहने वाले आदिवासियों और इम्फाल घाटी में रहने वाले बहुसंख्यक मेइती समुदाय के बीच अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मांग को लेकर हुई हिंसक झड़प में 50 से ज्यादा लोग मारे गए हैं। जबकि 23,000 से अधिक लोगों को बचाया गया है और आश्रय दिया गया है। बता दें कि शीर्ष अदालत ने मणिपुर हिंसा से जुड़ी याचिकाओं पर आगे की सुनवाई के लिए 17 मई की तारीख तय की है।

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