Maratha Reservation: महाराष्ट्र सरकार ने मानी मनोज जरांगे पाटिल की सभी मांगें, यहां जानें क्या थी पूरी मांग?

मराठा आरक्षण के लिए लंबे समय से आंदोलन कर रहे मनोज जारांगे पाटिल अपने समर्थकों के साथ नवी मुंबई में डेरा डाले हुए थे। शिंदे सरकार ने उनकी मांगें मान ली हैं।

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Photo- Twitter- @mieknathshinde

शुक्रवार, 26 जनवरी की देर रात राज्य सरकार (State Government) के प्रतिनिधिमंडल (Delegation) ने मनोज जारंग पाटिल (Manoj Jarang Patil) से मुलाकात की। प्रतिनिधिमंडल और मनोज जारंग के बीच लगभग तीन घंटे तक चर्चा हुई। इस मौके पर संशोधित अध्यादेश मनोज जारंग को सौंपा गया है। इस बीच, अध्यादेश में रिश्तेदारों के मुद्दे को भी शामिल कर लिया गया है। साथ ही मनोज जारागे की मांगें भी मान ली गई हैं। तो अब मनोज जारांगे पाटिल ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Chief Minister Eknath Shinde) के हाथों जूस पीकर अपनी भूख हड़ताल (Hunger Strike) वापस ले ली है। इस पृष्ठभूमि में आइए जानते हैं कि जारांगे पाटिल की कौन सी मांगें राज्य सरकार ने मान लीं। (Maratha Reservation)

ये हैं जारांगे की सभी मांगें
1. सभी पंजीकृत लोगों के परिवारों को कुनबी प्रमाण पत्र मिलना चाहिए। ऐसी मांग जारांगे ने की थी। इसे स्वीकार कर लिया गया है।

2. प्रदेश भर में 54 लाख नहीं बल्कि 57 लाख प्रविष्टियां प्राप्त हुई हैं। साथ ही अब तक 37 लाख लोगों को प्रमाण पत्र दिया जा चुका है। जारंग ने हमें यह डेटा देने की मांग की। यह मांग मान ली गई।

3. जारांगे की यह मांग स्वीकार कर ली गई कि शिंदे समिति को रद्द नहीं किया जाना चाहिए। सरकार ने समयसीमा दो महीने बढ़ा दी है। इस बात पर भी सहमति बनी कि समिति का कार्यकाल आगे बढ़ाया जायेगा।

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4. तत्काल सहयोगियों को प्रमाण पत्र मिलना चाहिए। इसके बिना सोया उपयोगी नहीं होगा। ये जारंगों की मांग थी, सरकार ने मान ली।

5. महाराष्ट्र के जिन मराठों के पास कुनबी रिकार्ड नहीं है, उन्हें शपथ पत्र देना होगा। उस शपथ पत्र के आधार पर उसे एक सर्टिफिकेट देना होगा। यह शपथ पत्र 100 रुपये का है। लेकिन इसे मुफ्त देने पर सहमत हुए।

6. जारांगे ने मांग की कि गृह विभाग अंतरवाली सराती सहित मराठा प्रदर्शनकारियों के खिलाफ सभी मामलों को वापस लेने के लिए एक पत्र जारी करे। उसे भी स्वीकार कर लिया गया।

7. मराठा समुदाय तब तक सरकारी भर्ती नहीं चाहता जब तक उन्हें आरक्षण नहीं मिल जाता। मनोज जारांगे पाटिल ने मांग की कि अगर भर्ती निकाली जाए तो हमारी सीटें आरक्षित रखें। उसे भी स्वीकार कर लिया गया।

8. क्यूरेटिव पिटीशन का विषय सुप्रीम कोर्ट में है। उन्होंने यह मांग स्वीकार कर ली कि जब तक उन्हें आरक्षण नहीं मिल जाता और सभी मराठा समुदाय को 100 प्रतिशत मुफ्त शिक्षा नहीं मिल जाती।

देखें यह वीडियो- 

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