पाकिस्तान की नापाक हरकत, अमरनाथ यात्रा में रोड़ा अटकाने के लिए रचा ऐसा षड्यंत्र

अंतरराष्ट्रीय सीमा पर सांबा जिले में खोदी गई इस सुरंग के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त की जा रही है।

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अंतरराष्ट्रीय सीमा पर सांबा जिले में 4 मई को खोजी गई सुरंग अमरनाथ तीर्थयात्रा को बाधित करने के लिए पाकिस्तान की तरफ से खोदी गई थी। इस सुरंग का पता लगाकर सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) जवानों ने आतंकियों की बड़ी साजिश को नाकाम बनाया है।

पाकिस्तानी साजिश नाकाम
सीमा सुरक्षाबल, जम्मू फ्रंटियर के महानिरीक्षक डीके बूरा ने 7 मई को बताया कि अंतरराष्ट्रीय सीमा से 150 मीटर दूर चक फकीरा के अग्रिम हिस्से पर भारतीय सीमा के भीतर सीमा सुरक्षाबल के जवानों ने 4 मई की शाम को एक सुरंग का पता लगाया था। यह सुरंग पाकिस्तान की तरफ से खोदी गई थी। उन्होंने कहा कि 22 अप्रैल को जम्मू के निकट मारे गए जैश-ए-मोहम्मद के दोनों आतंकियों के इसी सुरंग से दाखिल होने का कोई सबूत नहीं मिला है। डीजीपी ने कहा कि इस सुरंग का पता लगाकर हमारे सतर्क बीएसएफ जवानों ने अमरनाथ तीर्थयात्रा को नुकसान पहुंचाने की पाकिस्तानी साजिश को नाकाम बनाया है।

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पाकिस्तानी इलाके से खोदी गई सुरंग
उन्होंने बताया कि इस क्षेत्र में सुरंग का पता लगाने के लिए सीमा सुरक्षाबल ने 22 अप्रैल को जम्मू के निकट जलालाबाद सुंजवां में जैश-ए-मोहम्मद के दो आतंकियों के मारे जाने के बाद से ही अभियान चला रखा था। यह सुरंग हाल में ही बनाई गई है। अंतरराष्ट्रीय सीमा के पार पाकिस्तानी इलाके से शुरू होने वाली इस सुरंग का दूसरा हिस्सा सांबा जिले के चक फकीरा में खुलता है जिसका मुहाना लगभग दो फुट चौड़ा है। सुरंग के भीतर कुछ दूरी तक हमारे जवान गए हैं। सुरंग के भीतर से रेत की 21 बोरियां मिली हैं, जिनका इस्तेमाल सुरंग से बाहर निकलने के रास्ते को मजबूती देने के लिए किया गया था।

डेढ़ वर्ष में पांचवीं सुरंग
उन्होंने बताया कि बीते डेढ़ वर्ष के दौरान अंतरराष्ट्रीय सीमा पर खोजी गई यह पांचवीं सुरंग है। वर्ष 2012 से अब तक बीएसएफ के जवान अंतरराष्ट्रीय सीमा पर 11 सुरंगों का पता लगा चुके हैं। यह सुरंग हमारे देश में विशेषकर जम्मू और कश्मीर में हालात बिगाड़ने की पाकिस्तानी साजिशों को उजागर करती है। यह सुरंग मिलने के बाद हमने अंतरराष्ट्रीय सीमा पर चौकसी बढ़ा दी है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जम्मू दौरे से दो दिन पहले जम्मू के बाहरी क्षेत्र जलालाबाद, सुंजवां में मारे गए जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों के इसी सुरंग से दाखिल होने की संभावना से इंकार करते हुए उन्होंने कहा कि अभी तक हमें ऐसा कोई सबूत नहीं मिला है।

सांबा में हाई अलर्ट जारी 
उन्होंने आगे कहा कि इस सुरंग का अभी तक उपयोग हुआ है या नहीं, यह अभी जांच का विषय है। यह सुरंग अगले महीने शुरू होने जा रही श्री अमरनाथ की वार्षिक तीर्थयात्रा के दौरान जम्मू और कश्मीर में अशांति फैलाने और तीर्थयात्रा को नुकसान पहुंचाने के लिए बनाई गई होगी। उन्होंने कहा कि सीमा सुरक्षाबल के जवानों ने एक बड़ी साजिश को नाकाम बनाया है। सुरंग मिलने के बाद से सांबा में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है। सीमा से सटे इलाकों में लगातार तलाशी अभियान चलाए जा रहे हैं और जम्मू-पठानकोट राष्ट्रीय राजमार्ग पर भी सुरक्षा व्यवस्था को कड़ा कर दिया गया है।

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