अब सब दिखेगा…

सुरक्षा के लिहाज से देश में नजर रखना और दुश्मनों के चप्प-चप्पे पर नजर रखना बहुत जरूरी है। इस कार्य के लिए इसरो की 13 सैटेलाइट ब्रम्हांड में भ्रमण कर रही हैं।

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भारत अब दुनिया के बदलते रंगों पर भी नजर रखेगा। हालांकि, देश की सुरक्षा एजेंसियां विश्व की गतिविधियों पर पहले से ही नजर रखती रही हैं। लेकिन, अब वास्तविक रंगों में, भौगोलिक स्थिति के साथ हर मौसम में यथार्थ दृश्य अंतरिक्ष से मिलेंगे यानि अब पड़ोसियों की हर हलचल दिखेगी।

इसरो (भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान विज्ञान) ने पीएसएलवी-सी 49 के जरिये अंतरिक्ष से दुनिया पर नजर रखने के लिए एक अत्याधुनिक सैटेलाइट स्थापित किया है। इस सैटेलाइट को राडार इमेजिंग सैटेलाइट ईओएस-01 (RISAT-2BR2) कहा जाता है। यह सैटेलाइट सिंथेटिक अपार्चर राडार (SAR) से लैस है जिससे सभी मौसम और दिन-रात में इमेज ली जा सकती है।

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ब्रम्हांड से भारत की नजर

सुरक्षा के लिहाज से देश में नजर रखना और दुश्मनों के चप्प-चप्पे पर नजर रखना बहुत जरूरी है। इस कार्य के लिए इसरो की 13 सैटेलाइट ब्रम्हांड में भ्रमण कर रही हैं। देश की अंतरिक्ष विज्ञान संस्था इसरो स्व-प्रक्षेपित सैटेलाइट की मालिकाओं से अब इस स्तर पर पहुंच गई है कि देश की घटनाओं और दुश्मन की हर हरकत पर नजर रख सके।

रिसैट 2बीआर2- 24/7, 365 दिन अब सब पर नजर

भारत ने रिसैट 2बीआर2 लांच करके इमेजिंग के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता प्राप्त कर ली है। यह सैटेलाइट पूर्ववर्ती सैटेलाइट रिसैट 2बी, रिसैट 2बीआर1 की उन्नत श्रेणी है। इसके कारण अब चौबीस घंटे, साल के 365 दिन धरती पर हो रहे बदलावों की सटीक इमेज प्राप्त की जा सकती है। इससे जो सबसे बड़ा लाभ देश को मिलेगा वो दुश्मन देशों की मूवमेंट का तत्काल पता लगना है। पाकिस्तान, म्यांमार के आतंकी ठिकानों में चल रही गतिविधियों का पता भी इससे लगाया जा सकता है। इस सैटेलाइट से देश की सर्विलांस क्षमता में अतुलनीय प्रगति हुई है। इसके अलावा कृषि, वन, सॉइल मॉइस्चर, जियोलॉजी आदि क्षेत्रों में सटीक आंकलन करने में डेटा उपलब्ध होगा। इसे सैटेलाइट से मौसम के आंकलन में भी मदद मिलेगी।

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