Millets: खान-पान में शामिल करें मिलेट्स, दूर रहेंगी बीमारियां

मिलेट्स में कैल्शियम, आयरन, जिंक, फास्‍फोरस, मैग्नीशियम, पोटैशियम, फाइबर, विटामिन-बी मौजूद होते हैं। लोगों को मिलेट्स को लेकर जागरुकता फैलाने के लिए संयुक्त राष्ट्र संघ ने 2023 को अंतरराष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष के रूप में घोषित किया। 

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अब सर्दियों का मौसम आ रहा है। ठंडी में मिलेट्स (millets) यानी मोटे अनाज को शरीर के लिए काफी लाभकारी माना जाता है। वैसे तो हर सीजन में भी मिलेट को शरीर के लिए सबसे पौष्टिक खाद्य पदार्थ (nutritious foods) बताया गया है। वर्तमान में देखें तो अनाज के रूप में हम मुख्य रूप से गेहूं और चावल पर निर्भर हो गए हैं। लेकिन भारत में पहले ऐसा नहीं था। भारत में पहले मौसम के हिसाब से मोटे अनाज को शामिल किया जाता था। जिससे पेट, पाचन और स्वास्थ्य ठीक रहते थे। मिलेट्स में कैल्शियम, आयरन, जिंक, फास्‍फोरस, मैग्नीशियम, पोटैशियम, फाइबर, विटामिन-बी मौजूद होते हैं। लोगों को मिलेट्स को लेकर जागरुकता फैलाने के लिए संयुक्त राष्ट्र संघ ने 2023 को अंतरराष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष के रूप में घोषित किया।

बाजरा
सर्दी के मौसम में आहार विशेषज्ञ लोगों को बाजरे (Millet) की रोटी खाने की सलाह देते हैं, क्योंकि बाजरे में सोडियम, प्रोटीन, फाइबर, कार्बोहाइड्रेट भरपूर मात्रा में पाया जाता है। यह पाचन तंत्र को मजबूत करता है। बाजरे की रोटी पेट में आसानी से पच जाती हैं। बाजरा पेट दर्द, गैस जैसी दिक्कतों को दूर करता है। बाजरे में मौजूद आयरन खून की कमी को भी दूर करता है। खून की कमी होने पर या फिर अंदेशा होने पर बाजरे की रोटी खाना फायदेमंद रहता है। प्रेग्नेंसी के दौरान भी अक्सर डॉक्टर महिलाओं को बाजरे की रोटी खाने की सलाह देते हैं।

ज्वार
ज्वार (Barley) को प्रोटीन, कैल्शियम, आयरन, पोटैशियम जैसे तत्वों का प्रमुख स्रोत माना जाता है। ज्वार के आटे की रोटी काफी पौष्टिक होती हैं। इससे खिचड़ी भी बनाई जा सकती है। ज्वार खाने से फाइबर, प्रोटीन, थियामिन, राइबोफ्लेविन, नियासिन, विटामिन बी6, फोलेट, आयरन, मैग्नीशियम, जिंक, कॉपर आदि मिलता है।

सांवा
सांवा (Barnyard Millet) को विभिन्न प्रकार से अपने भोजन में शामिल किया जा सकता है। सांवा को डोसा, पुलाव या खिचड़ी बनाने के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं। विशेषज्ञों के अनुसार सावा खाने से प्रोटीन, कार्ब्स, फाइबर, कैल्शियम, आयरन मिलता है।

रागी
रागी (Finger Millet) को सर्दी और गर्मी दोनों मौसमों में इस्तेमाल किया जा सकता है। फाइबर की मात्रा भरपूर होने से इसे महिलाओं के लिए काफी अनुकूल आहार माना जाता है। रागी के आटे का इस्तेमाल रोटी बनाने के लिए किया जाता है। इससे डोसा भी बनाया जा सकता है। विशेषज्ञों के अनुसार इसे पकाने से पहले 8 घंटे तक पानी में भिगोना चाहिए। इसके अंदर प्रोटीन, कार्ब्स, डाइटरी फाइबर, कैल्शियम और पोटैशियम आदि होता है। हृदय रोग, एजिंग प्रॉब्लम, गठिया, शरीर में सूजन से जुड़ी समस्या और स्तन कैंसर जैसे रोगों को दूर करने में मदद करता है।

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