रोटी के लिए खोटी पहचान

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मुंबई लोकल में सफर करने के लिए बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा किए जाने के मामले का पर्दाफाश हुआ है। कोरोना महामारी की वजह से लागू लॉकडाउन में 23 मार्च से बंद लोकल ट्रेन को 15 जून से सिर्फ आवश्यक सेवाओं के लिए शुरू किया गया है लेकिन कुछ आम मुंबईकर भी फर्जीवाड़ा कर इसमें सफर कर रहे हैं। वे फर्जी आईकार्ड बनाकर लोकल ट्रेनों में सफर करने लगे हैं। इस बारे में भनक लगते ही रेलवे ने ऐसे लोगों की धर-पकड़ शुरू कर दी है। इस अभियान में कई लोग पकड़े गए हैं। हालांकि इन पकड़े गए लोगों में से 98 फीसदी लोग अपनी रोजी-रोटी बचाने के लिए ही इस तरह की आईडी का इस्तेमाल कर रहे थे,लेकिन किसी जुर्म को मजबूरी होने पर भी सही नहीं ठहराया जा सकता।

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रेलवे ने चलाया धर-पकड़ अभियान
फर्जी आईकार्ड पर लोकल ट्रेनों में सफर करनेवाले लोगों को रोकने के लिए रेलवे ने बड़े पैमाने पर जांच अभियान चलाया है। इसके तहत अबतक 10 हजार लोगों को पकड़ा गया है। उनमें से कुछ के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज कराई गई है, जबकि ज्यादातर लोगों को पेनाल्टी लेकर छोड़ दिय गया है। रेलवे से मिली जानकारी के अनुसार अबतक ऐसे लोगों से 50 लाख रुपए पेनाल्टी वसूल किए गए हैं।

हर दिन पकड़े जा रहे हैं 20 लोग
वेस्टर्न रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी सुमित ठाकुर के अनुसार वेस्टर्न लाइन पर हर दिन करीब 20 लोग फर्जी आईडी पर यात्रा करनेवाले लोग पकड़े जा रहे हैं। रेलवे ने हाल ही में अंधेरी रेलवे स्टेशन से एक फर्जी आईडी से यात्रा कर रहे यात्री को पकड़ा था। पूछताछ में उसने बताया कि वह जेरॉक्स सेंटर में काम करता है और उसके मालिक ने ये फर्जी आईकार्ड उसके साथ ही अन्य स्टाफ को भी दिया है। जीआरपी ने उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी।

इनको सफर करने की है इजाजत
मुंबई के सभी रेल, कलेक्टर ऑफिस,मंत्रालय और मुंबई महानगरापिलका के सभी कर्मचारियों, महाराष्ट्र पुलिस, जिसमें मुंबई पुलिस के साथ ही जीआरपी भी शामिल हैं,बीईएसटी,एमएएसआईटीसी, एमबीएमटी, वीवीएमटी, एनएमएमटी, टीएमटी और केडीएमटी के कर्मचारियों के आलावा मेडिकल स्टाफ और बैंककर्मियों आदि को फिलहाल लोकल ट्रेनों मे यात्रा करने की अनुमति है।

डब्बेवालों को भी मिली है परमिशन
30 सिंतबर से लाखों लोगों को टिफिन पहुंचानेवाले डब्बावालों को भी लोकल में सफर करने की इजाजत दे दी गई है। मुंबई पुलिस कमिश्नर ऑफिस से क्यूआर कोड लेने के बाद वे लोकल ट्रेनों में सफर कर सकते हैं। रेलवे मंत्री पीयूष गोयल ने इस बारे में कहा है कि भोजन के लिए उनपर आश्रित लोगो को इससे काफी लाभ मिलेगा।

 मुंबईकरों को है लोकल शुरू होने का इंतजार
मुंबई में लोकल का सफर जहां बेहद सुविधाजनक है, वहीं इसमें पैसे भी काफी कम खर्च होते हैं। इस वजह से मुंबईकर जल्दी से जल्दी आम लोगों के लिए लोकल शुरू होने का इंतजार कर रहे हैं। लेकिन अभी तक सरकार ने कोरोना संक्रमण को देखते हुए आम लोगों के लिए लोकल शुरू करने की इजाजत नहीं दी है। हाल ही में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा है कि अभी लोकल ट्रेनें पूरी क्षमता के साथ शुरू नहीं होगी। उन्होंने कहा कि अभी लोगों को भीड़ से बचना जरुरी है।

15 जून से आवश्यक सेवा के लिए शुरू की गई थी लोकल
मुंबई में 23 जून से बंद लोकल ट्रेन 15 जून से आवश्यक सेवाओं के लिए फिर से शुरू कर दी गई थी। कोरोना महामारी के कारण लॉकडाउन में लोकल को बंद कर दिया गया था। ये सेवा वेस्टर्न, सेंट्र्ल और हार्बर लाइन के सवा लाख लोगों के लिए शुरू की गई थी।

रोज 80 लाख लोग करते हैं सफर
लोकल ट्रेन को मुंबई की लाइफलाइन और धड़कन जैसे नामों से बुलाया जाता है। इसी बात से यह समझा जा सकता है कि यहां की लोकल ट्रेन लोगों के लिए कितनी उपयोगी है। सामान्य परिस्थिति में हर दिन सेंट्रल, वेस्टर्न और हार्बर लाइन पर 80 लाख लोग सफर करते हैं। एक दिन नहीं, एक-दो घंटे भी इसके बंद होने पर यहां अफरा-तफरी मच जाती है। वही लोकल कोरोना काल में मार्च महीने से ही सामान्य यात्रियों के लिए बंद है।

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