PM Modi को भेंट किए गए स्मृति-चिह्नों और उपहारों की ई-नीलामी 31 अक्टूबर, 2023 तक

केंद्र सरकार की यह प्रमुख पहल हमारी राष्ट्रीय नदी, गंगा को संरक्षित करने और बहाल करने और इसके संवेदनशील पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देने के लिए समर्पित है।

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केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय (Union Ministry of Culture) ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) को भेंट मे मिले स्मृति-चिह्नों (souvenirs) और उपहारों (gifts) की एक शानदार श्रृंखला को प्रदर्शित करते हुए एक ई-नीलामी (E-auction) कार्यक्रम की घोषणा करते हुए प्रसन्नता महसूस हो रही है। इस ई-नीलामी में हमारी समृद्ध विरासत को प्रदर्शित करने वाली कलाकृतियों का एक असाधारण संग्रह है और ई-नीलामी का आयोजन 02 अक्टूबर से 31 अक्टूबर, 2023 तक https://pmmementos.gov.in/ पर किया जा रहा है।

ई-नीलामी में शामिल हैं 912 वस्तुएं
केंद्रीय संस्कृति और विदेश राज्य मंत्री, मीनाक्षी लेखी ने पीएम मोदी (PM Modi) को भेंट इन वस्तुओं की ई-नीलामी के बारे में मीडिया को जानकारी देते हुए कहा कि आगामी ई-नीलामी सफल नीलामी की श्रृंखला का पांचवां संस्करण है, पहली नीलामी जनवरी 2019 में हुई थी। उन्होंने कहा कि पिछले 4 संस्करणों में 7,000 से ज्यादा वस्तुओं को ई-नीलामी के लिए रखा गया था और इस बार ई-नीलामी में 912 वस्तुएं शामिल हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की यह प्रमुख पहल हमारी राष्ट्रीय नदी, गंगा को संरक्षित करने और बहाल करने और इसके संवेदनशील पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देने के लिए समर्पित है। इस नीलामी के माध्यम से प्राप्त धन को इस महान कार्य में योगदान देने के लिए लगाया जाएगा और यह अमूल्य राष्ट्रीय संपत्ति की सुरक्षा के लिए हमारी अटूट प्रतिबद्धता को मजबूत करेगा।

नेक काम में लगेगी ई-नीलामी से प्राप्त आय
मंत्री ने कहा कि भेंट (presented) की ई-नीलामी के लिए उपलब्ध स्मृति चिन्हों का विभिन्न संग्रह पारंपरिक कलाओं की एक ज्वलंत श्रृंखला को प्रदर्शित करता है, जिसमें चित्र, जटिल मूर्तिकला, स्वदेशी हस्तशिल्प और आकर्षक लोक एवं जनजातीय कलाकृतियां शामिल हैं। इनमें से कुछ वस्तुओं को सामान्य रूप से सम्मान और आदर के प्रतीक के रूप में दिया जाता है, जिसमें पारंपरिक अंगवस्त्र, शॉल, हेडगियर और औपचारिक तलवारें शामिल हैं। इस ई-नीलामी की उत्कृष्ट कलाकृतियों में मोढेरा सूर्य मंदिर और चित्तौड़गढ़ के विजय स्तंभ जैसे वास्तुशिल्प प्रतिकृतियां शामिल हैं। चंबा रूमाल, पट्टचित्र, ढोकरा कला, गोंड कला और मधुबनी कला जैसी उल्लेखनीय सामग्रियां स्थायी और गहन सांस्कृतिक सार को दर्शाती हैं, जो हमारे विविध समुदायों के मूर्त और अमूर्त दोनों पहलुओं को दर्शाते हैं। पिछले संस्करणों के अनुरूप, इस ई-नीलामी से प्राप्त आय को एक नेक काम में योगदान देने में लगाया जाएगा, विशेष रूप से नमामि गंगे कार्यक्रम को समर्थन देने में। आम नागरिक इस लिंक पर लॉग-ऑन/रजिस्ट्रेशन करके ई-नीलामी में शामिल हो सकते हैं- https://pmmementos.gov.in/#/

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