Money laundering case: चीनी स्मार्टफोन कंपनी वीवो के खिलाफ चार्जशीट पर कोर्ट ने लिया संज्ञान, सभी आरोपियों के खिलाफ जारी किया प्रोडक्शन वारंट

डी के मुताबिक वीवो इंडिया ने गलत तरीके से धन हासिल किया, जो भारत की आर्थिक संप्रभुता के लिए खतरा है। ईडी ने वीवो और उससे जुड़े लोगों पर जुलाई 2022 देश भर के 48 स्थानों पर छापा मारा था।

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Money laundering case: दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट(Patiala House Court of Delhi) ने चीनी स्मार्टफोन कंपनी वीवो(Chinese smartphone company Vivo) से जुड़े मनी लांड्रिंग मामले(Money laundering cases) में ईडी की ओर से दाखिल चार्जशीट पर संज्ञान(Cognizance on the charge sheet filed by ED) ले लिया है। एडिशनल सेशंस जज किरण गुप्ता ने इस मामले के सभी आरोपितों के खिलाफ प्रोडक्शन वारंट(production warrant) जारी कर 19 फरवरी, 2024 को पेश होने का आदेश दिया है।

आरोपियों को पेश होने का आदेश
कोर्ट ने न्यायिक हिरासत में हरि ओम राय, नितिन गर्ग, राजन मलिक और गोंगवेन कुआंग को पेश होने का आदेश दिया। दिल्ली हाई कोर्ट ने हरि ओम राय और गोंगवेन कुआंग की बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका खारिज कर दी थी। ईडी ने 7 दिसंबर को चार्जशीट दाखिल की थी। ईडी ने चार्जशीट में वीवो के मैनेजिंग डायरेक्टर हरि ओम राय समेत उन चार लोगों को आरोपित बनाया है, जिन्हें 10 अक्टूबर को गिरफ्तार किया गया था। ईडी ने इस मामले में हरिओम राय के अलावा चीनी नागरिक गोंगवेन कुआंग, सीए नितिन गर्ग और राजन मलिक को गिरफ्तार किया है। ईडी ने इन सभी के खिलाफ प्रिवेंशन ऑफ मनी लांड्रिंग एक्ट की विभिन्न धाराओं के तहत आरोपित बनाया है।

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वीवो इंडिया ने गलत तरीके से हासिल किया धन
ईडी के मुताबिक वीवो इंडिया ने गलत तरीके से धन हासिल किया, जो भारत की आर्थिक संप्रभुता के लिए खतरा है। ईडी ने वीवो और उससे जुड़े लोगों पर जुलाई 2022 देश भर के 48 स्थानों पर छापा मारा था। ईडी ने वीवो कंपनी से जुड़ी 23 कंपनियों पर भी छापा मारा था। ईडी का दावा है कि छापे के दौरान मनी लांड्रिंग के बड़े रैकेट का पर्दाफाश हुआ था। ईडी के मुताबिक इस मामले में कई चीनी नागरिक और भारतीय कंपनियां शामिल हैं। ईडी के मुताबिक करीब 62,476 करोड़ रुपये की रकम वीवो ने गैरकानूनी रूप से चीन ट्रांसफर किए थे। ये रकम भारत में टैक्स से बचने के लिए चीन ट्रांसफर किए गए थे।

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