NewsClick Case: न्यायालय ने दिल्ली पुलिस से मांगा जवाब, विदेशी फंडिंग में चीनियों से जुड़े ISI एजेंट

वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से दिल्ली पुलिस की ओर से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल ऑफ इंडिया तुषार मेहता ने मामले की सुनवाई 9 अक्टूबर को करने का अनुरोध किया और जवाब दाखिल करने के लिए समय मांगा।

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न्यूज पोर्टल न्यूजक्लिक (News Portal Newsclick) द्वारा चीन (China) के पक्ष में प्रायोजित खबरें चलाने के लिए चीनी कंपनियों (Chinese Companies) से करोड़ों रुपये का फंड लेने के मामले में एक बड़ी साजिश सामने आई है। पुलिस एफआईआर (Police FIR) के अनुसार, न्यूजक्लिक को देश की संप्रभुता और अखंडता को बाधित करने के लिए चीनी कंपनियों से करोड़ों रुपये मिले। यह पैसा कई चीनी मोबाइल निर्माता कंपनियों और उनसे जुड़ी फर्जी कंपनियों के जरिए न्यूजक्लिक तक पहुंचा। यह बात सामने आ रही है कि भारत (India) के खिलाफ चीन की साजिश में पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई (ISI) भी शामिल है।

आपको बता दें कि दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने मंगलवार को न्यूजक्लिक के दफ्तर और उससे जुड़े पत्रकारों पर बड़े पैमाने पर छापेमारी की थी। न्यूजक्लिक के संस्थापक और प्रधान संपादक प्रबीर पुरकायस्थ, एचआर प्रमुख अमित चक्रवर्ती को गिरफ्तार कर लिया गया है, जबकि वरिष्ठ पत्रकार उर्मिलेश, अभिसार शर्मा और कई अन्य को पूछताछ के बाद रिहा कर दिया गया। 17 अगस्त को पुलिस ने न्यूजक्लिक के खिलाफ यूएपीए और आईपीसी की धारा 153ए (दो समुदायों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना) और आपराधिक साजिश के तहत मामला दर्ज किया।

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प्रचारित की गई झूठी कहानी
एफआईआर के अनुसार, प्रतिबंधित नक्सली संगठनों के समर्थकों, गौतम नवलखा के सहयोगियों, तीस्ता सीतलवाड़, उनके पति और कार्यकर्ता जावेद आनंद, तमारा, जिब्रान, पत्रकार उर्मिलेश, अरात्रिका हलदर, परंजय गुहा ठाकुरता, त्रिना शंकर और अभिसार शर्मा को विदेशी फंड दिए गए। आरोप है कि नवलखा आईएसआई एजेंट गुलाम नबी फई के साथ देश विरोधी सांठगांठ में शामिल थे। प्रबीर, नेविल और नेविल की शंघाई स्थित कंपनी स्टारस्ट्रीम के अन्य कर्मचारियों ने मेल का आदान-प्रदान किया है जो कश्मीर और अरुणाचल प्रदेश को भारत का हिस्सा नहीं दिखाने के उनके इरादे को उजागर करता है। कोविड-19 महामारी को रोकने के भारत सरकार के प्रयासों को बदनाम करने के लिए एक झूठी कहानी भी प्रचारित की गई।

भारत की आलोचना और चीन की प्रशंसा
एफआईआर में लिखा गया, भारत की संप्रभुता में दखल देने और देश के खिलाफ असंतोष पैदा करने के इरादे से जानबूझकर पेड न्यूज फैलाई गई थी। इसने भारत की घरेलू नीतियों और विकास परियोजनाओं की आलोचना की और चीनी सरकार की परियोजनाओं और रक्षा नीतियों और कार्यक्रमों की प्रशंसा की। यह भी आरोप लगाया गया कि न्यूजक्लिक के संस्थापक और प्रधान संपादक प्रबीर पुरकायस्थ ने 2019 के लोकसभा चुनावों के दौरान चुनावी प्रक्रिया को प्रभावित करने के लिए पीपुल्स अलायंस फॉर डेमोक्रेसी एंड सेक्युलरिज्म नामक समूह के साथ साजिश रची थी।

कोर्ट ने पुलिस से मांगा जवाब
प्रबीर पुरकायस्थ और अमित चक्रवर्ती की गिरफ्तारी को चुनौती देते हुए उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की गई थी। न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की पीठ ने पुरकायस्थ और चक्रवर्ती की अंतरिम रिहाई की मांग करने वाले आवेदनों पर पुलिस से जवाब भी मांगा। पीठ इस मामले पर नौ अक्टूबर को सुनवाई करेगी।

देखें यह वीडियो- 

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