पिछले वर्ष 12 अक्टूबर को देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में अचानक बिजली गुल होने से हाहाकार मच गया था। दिन-रात भागते रहनेवाले इस महानगर में अचानक बिजली गुल हो जाना कोई साधारण घटना नहीं थी। हालांकि कुछ घंटों की मशक्कत के बाद फिर बिजली आपूर्ति सामान्य हो गई थी। अब मुंबई के इस ब्लैक आउट को लेकर नया पर्दाफाश हुआ है। न्यूयॉर्क टाइम्स ने दावा किया है कि मुंबई में बिजली गुल होने की घटना के पीछ चीन का हाथ था। उसने अपने हैकर्स की मदद से मुंबई को ब्लैक आउट करने की साजिश रची थी।
न्यूयॉर्क टाइम्स की इस रिपोर्ट में मुंबई में बिजली गुल होने की घटना को चीन की साजिश बताने के साथ ही और भी कई खुलासे किए हैं। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि अक्टूबर 2020 में पांच दिनों के अंदर इन चायनीज हैकर्स ने 40 हजर बार से अधिक साइबर अटैक किए थे। ये साइबर अटैक भारत के पॉवर ग्रिड के आलावा आईटी कंपनियों और बैंकिंग सेक्टर्स पर किए गए।
भारत को देना चाहता था संदेश
रिपोर्ट के मुताबिक यह साजिश पॉवर ग्रिड कॉर्पोरेशन के खिलाफ की गई थी। मुंबई में ब्लैक आउट उसी का परिणाम था। इससे चीन भारत को ये संदेश देना चाह रहा था कि अगर सीमा पर भारतीय सेना आक्रामक हुई तो वो पूरे देश को ब्लैक आउट करवा सकता है।
ये भी पढ़ेंः जानिये… क्यों लिए गए हिरासत में आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री चंद्राबाबू नायडू ?
निशाने पर थे थर्मल पावर प्लांट और हाई वोल्टेज ट्रांसमिशन सबस्टेशन
चीन भारत को यह भी संदेश देना चाहता था कि वह अपने भारत के अलग-अलग पावर ग्रिड पर मैलवेयर अटैक कर उन्हें बंद भी करवा सकता है। रिपोर्ट में बताया गया है कि जिस समय ये घटना घटी थी, उस समय भारत में बिजली की सप्लाई को नियंत्रित करनेवाली प्रणालियों में चीनी मैलवेयर घुस चुके थे। उनके निशाने पर थर्मल पावर प्लांट और हाई वोल्टेज ट्रांसमिशन सबस्टेशन थे।
When power went out in Mumbai, I had said that there was something wrong & had constituted 3 committees to probe. I feel media reports that have surfaced are true. Cyber cell will submit report on this by 6pm today to Home Minister Deshmukh: Maharashtra Energy Minister Nitin Raut https://t.co/zX3WkfbQeB pic.twitter.com/DK6iZ0nDTg
— ANI (@ANI) March 1, 2021
बिजली सप्लाई में चीनी घुसपैठ
न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक अमेरिका की साइबर सिक्योरिटी कंपनी रिकॉर्डेड फ्यूचर की रिपोर्ट में यह तथ्य सामने आया है। इसमें भारत की बिजली सप्लाई में चीनी घुसपैठ की बात कही गई है। अमेरिका की साइबर सिक्योरिटी कंपनी रिकॉर्डेड फ्यूचर सरकारी एजेंसियों के साथ इंटरनेट के इस्तेमाल की स्टडी करती है। इसमें यह भी कहा गया है कि अधिकांश चीनी मैलवेयर को कभी एक्टिव नहीं किया गया। शोध के मुताबिक भारत के पावर सिस्टम के अंदर तक रिकॉर्डेड फ्यूचर की पहुंच न होने की वजह से इसकी जांच संभव नहीं हो सकी।
ये भी पढ़ेंः कश्मीर से मुंबई वाया दिल्ली, हिंदुओं के विरुद्ध ये विदेशी साजिश तो नहीं?
रेड इको कंपनी की साजिश
कंपनी के चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर स्टूअर्ट सोलोमन का कहना है कि भारत की बिजली सप्लाई में घुसपैठ कर इसको बंद करने का काम चीन की सरकारी हैकर्स रेड इको कंपनी ने किया था। इस कंपनी ने बेहद गोपनीय ढंग से भारत के एक दर्जन से अधिक ट्रांसमिशन लाइन और पॉवर जनरेशन में घुसपैठ के लिए बेहद आधुनिक साइबर हैकिंग तकनीकी का इस्तेमाल किया था।
जून 2020 में हुई थी हिंसक झड़प
बता दें कि 15 जून 2020 को पूर्वी लद्दाख स्थित गलवान घाटी में भारत और चीन की सेनाओं के बीच हिंसक झड़प हुई थी। इस झड़प में भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे, जबकि चीन ने हाल ही में अपने चार सैनिकों के मारे जाने की आधिकारिक जानकारी दी है।