Chhattisgarh: कुख्यात नक्सली कमांडर पेडकम एर्रा ने किया आत्मसमर्पण, इतना था इसके सिर पर इनाम

सुकमा के पुलिस अधीक्षक किरण जी चव्हाण ने कहा कि नागेश उर्फ पेडकम एर्रा (38) ने "अमानवीय" और "खोखली" माओवादी विचारधारा से निराशा का हवाला देते हुए पुलिस और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के अधिकारियों के सामने आत्मसमर्पण कर दिया।

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Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के सुकमा (sukma) जिले में 26 फरवरी (सोमवार) को सुरक्षा बलों (security forces) के सामने एक नक्सली कमांडर (Naxal commander) आत्मसमर्पण (surrenders) किया। पुलिस के मुताबिक एक नक्सली कमांडर, जो कथित तौर पर घातक हमलों में शामिल था और 8 लाख रुपये का इनाम (8 lakh reward) था।

सुकमा के पुलिस अधीक्षक किरण जी चव्हाण (Kiran G Chavan) ने कहा कि नागेश उर्फ पेडकम एर्रा (Pedkam Erra) (38) ने “अमानवीय” और “खोखली” माओवादी विचारधारा (Maoist ideology) से निराशा का हवाला देते हुए पुलिस और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के अधिकारियों के सामने आत्मसमर्पण कर दिया।

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गैरकानूनी आंदोलन में शामिल
उन्होंने कहा, आत्मसमर्पण करने वाले नक्सली ने यह भी कहा कि वह जिला पुलिस के पुनर्वास अभियान ‘पुना नारकोम’ (स्थानीय गोंडी बोली में गढ़ा गया एक शब्द जिसका अर्थ है नई सुबह, नई शुरुआत) से प्रभावित है।अधिकारी ने कहा, एर्रा 2003 में स्थानीय संगठन दस्ते (एलओएस) के सदस्य के रूप में गैरकानूनी आंदोलन में शामिल हुआ और 2015 में माओवादियों की पीएलजीए बटालियन नंबर 1 के कंपनी कमांडर के रूप में पदोन्नत किया गया।

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कई घातक हमलों में शामिल
उन्होंने कहा कि वह कथित तौर पर कई घातक हमलों में शामिल था, जिसमें 2010 में ताड़मेटला (तब दंतेवाड़ा जिले में) नरसंहार शामिल था, जिसमें 76 सैनिक मारे गए थे, और 2017 बुरकापाल हमला जिसमें 25 सीआरपीएफ कर्मियों की जान चली गई थी। एर्रा को राज्य सरकार की समर्पण एवं पुनर्वास नीति के अनुसार सुविधाएं प्रदान की जाएंगी।

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