खरीदारों की कमी से सर्राफा बाजार बेजार, फिर भी आसमां पर सोना?

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मुंबई। ये कोराना काल है, लोग बेहाल हैं, जेब में न माल है, सर्राफा बाजार बेजार है, फिर भी सोने की चमक बरकरार है, ये बड़ा अजीब हाल है।
इस कोरोना काल में शेयर बाजार को छोड़कर जब देश के ज्यादातर सेक्टर तबाही के दौर से गुजर रहे हैं, तब सोना-चांदी के दाम आसमान छू रहे हैं। जानकारों को भले ही यह पहेली मालूम हो, लेकिन सामान्य जन हैरान हैं कि आखिर ऐसा क्यों हो रहा है कि सोने-चांदी के दाम औसतन हर दिन नई ऊंच्चाईयों को छू रहे हैं। पिछले छह महीने में जहां सोना 43 हजार से बढ़ कर 52 हजार तक जा पहुंच गया है, वहीं चांदी 38 हजार से बढ़ कर 68 हज़ार को पार कर गई है।
सर्राफा बाजार में नहीं हैं खरीदार
पूरी दुनिया में मशहूर मुंबई के जबेरी बाजार में दुकान तो खुले हुए हैं, लेकिन खरीदारों की कमी से दुकानदार परेशान हैं। दिन भर में इक्के-दुक्के ग्राहक ही आते हैं और वे भी काफी सोच-समझकर ही गहनों की खरीदारी करते हैं। पहले जहां इस बाजार में लोगों की ऐसी भीड़ हर दिन उमड़ती थी,कि चलना मुश्कलि हो जाता था और हर तरफ ट्रैफिक जाम की समस्या आम बात थी, वहां अब सड़कों पर और सर्राफा के छोटे-बड़े दुकानों में बहुत कम ही लोग दिखते हैं। पहले जहां यहां की दुकानों में हर दिन लाखों के सौदा हुआ करते थे, वहीं अब हजारों के भी नहीं होने से सर्राफा दुकानदारों के चेहरे पर मायूसी है और वे समझ नहीं पा रहे हैं कि आखिर यह दौर कब खत्म होगा और फिर से पहले जैसी चहल-पहल तथा ग्राहकी कब लौटेगी।
क्या कहते हैं सर्राफा व्यापारी?
जवेरी बाजार जैसा हाल ही मुंबई की अन्य सर्राफा दुकानों का भी है। बोरीवली में सर्राफा की दुकान के मालिक हुक्मीचंद जोशी कहते हैं,” घर चलाना मुश्किल हो गया है। मैंने 50 साल के अपने जीवन में ऐसी मंदी कभी नहीं देखी। पता नहीं ये कोराना वायरस की महामारी कब खत्म होगी और हमारे ग्राहक दुकान पर लौटेंगे”।
इसी तरह सर्राफा बाजार में गहनों के शोरुम के मालिक दिलीप पगारिया का कहना है, “ये कोरोना ने हमारा धंधा पूरी तरह से बर्बाद कर दिया। हम सोच रहे थे कि इस दीवाली तक बाजार में सुधार आएगा, लेकिन ऐसा लगता नहीं है। अब इस साल तक तो ऐसे ही चलेगा”।
जवेरी बाजार के ही गहनों के थोक व्यापारी जयेश मेहता का मानना है कि जबतक कोरोना वायरस वैक्सीन नहीं आएगी, तबतक देश के अन्य सेक्टर्स की तरह सर्राफा बाजार में भी मंदी का दौर जारी रहेगा। वे बताते हैं, “लोगों के पास पैसे नहीं हैं तो कहां से गहने खरीदेंगे। अभी तो शादी-ब्याह भी लोग सादगी से ही कर रहे हैं। उसके लिए भी ज्यादा गहनें नहीं खरीद रहे हैं”।
बात सही है, ज्यदातार लोगों के पास पैसे नहीं हैं। वे पहले अपनी रोजमर्रा की जरुरतें पूरी करेंगे या सोना-चांदी खरीदेंगे।
क्या कहते हैं एक्सपर्ट?
मुम्बई जवेरी बाज़ार असोशियेशन के अध्यक्ष कुमार जैन के अनुसार यह बात सच है कि बाज़ार में ग्राहक न के बराबर हैं लेकिन कोरोना संकट के चलते विश्व बाज़ार मे मंदी का माहौल होने के कारण सोने और चांदी के दाम बढ़ रहे हैं। इसके साथ ही सेंट्रल बैंक के सोना खरीदने के चलते सोने के भाव आसमान पर हैं। सोने के बड़े व्यापारी संगम चेन के सीएमडी रमन जी का कहना है कि एक तो ग्लोबल इफेक्ट के चलते दूसरे इन दिनों वर्ल्ड वार की आशंका साफ़ दिखाई दे रही है, जिसके कारण लगातार सोने के दाम बढ़ रहे हैं।
कौन खरीद रहा है सोना ?
अब सवाल उठता है कि जब गहनों के ग्राहक नहीं हैं और सर्राफा बाजारों में इसकी बिक्री भी नहीं हो रही है तो सोना खरदी कौन रहा है।
वास्तव में शेयर बाजार में गिरावट और अर्थव्यवस्था में संकट के दौर में तमाम फंड मैनेजर पोर्टफोलियो में सोने की हिस्सेदारी बढ़ाते हैं। इसकी सबसे बड़ी वजह यह है कि सोना सेफ हैवन इन्वेस्टमेंट यानी सुरक्षित निवेश विकल्प माना जाता है। केंद्रीय बैंक, फंड मैनेजर्स, स्वतंत्र निवेशक आदि ये सभी लोग पूरी दुनिया में अलग-अलग एक्सचेंज पर सोने की खरीदारी कर रहे हैं । सोने के भाव अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी ऊंचाई पर है। इसी वजह से भारत में सोने में तेजी देखी जा रही है।

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