बिहारः निर्माणाधीन पुल गंगा में बहने पर बवाल, विपक्ष सुशासन बाबू से पूछ रहा है ये सवाल

बिहार में जो पुल गंगा नदी में समा गया, उसका वर्ष 2014 में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शिलान्यास किया था। इसके बाद 2016 में अगुवानी सुल्तानगंज गंगा ब्रिज का निर्माण शुरू हुआ था।

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बिहार में खगड़िया जिले के परबता प्रखंड अन्तर्गत अगुवानी-सुल्तानगंज के बीच गंगा नदी पर निर्माणाधीन पुल का तीन पाया 4 जून को नदी में समा गया। खगड़िया की तरफ के निर्माणाधीन पुल के अचानक गिरने से अफरा-तफरी मच गयी। उत्तर और दक्षिण बिहार को जोड़ने वाले इस पुल का तीन पाया ध्वस्त हो गया। पुल के गिरने का एक वीडियो भी सामने आया है, जिसमें देखा जा सकता है कि पुल का एक हिस्सा तेज आवाज के साथ भरभरा कर नदी में गिर रहा है। इसके बाद दूसरा हिस्सा भी उसी तरह से गिरकर नदी में समा गया।

भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरी नीतीश सरकार
खगड़िया को भागलपुर से जोड़ने वाले अगुवानी सुल्तानगंज गंगा ब्रिज के गिरने से नीतीश सरकार एक बार फिर भ्रष्टाचार जैसे आरोपों से घिर गई है। इस पुल के चार पिलर गिरकर गंगा में समा गए हैं। 1,711 करोड़ रुपये की लागत से बन रहे इस पुल के निर्माण पर पहले से ही सवाल उठ रहे थे। एक साल पहले भी इस पुल का एक हिस्सा गिर गया था।

क्या कहते हैं अधिकारी?
क्या कहना है स्थानीय अधिकारी का: बिहार राज्य पुल निर्माण निगम खगड़िया के कार्यपालक अभियंता योगेंद्र कुमार ने बताया कि कुछ स्पैन गिरे हैं। वs घटनास्थल की ओर रवाना हो रहे हैं। अभी इसके आगे विशेष कुछ नहीं कहा जा सकता है। वहां पहुंचने के बाद ही स्पष्ट कुछ कहा जा सकेगा। खगड़िया के अगवानी से सुल्तानगंज तक करीब तीन किलोमीटर से ज्यादा लंबी इस पुल को एसपी सिंगला कंपनी बना रही है।

परबत्ता विधायक ने उठाये सवाल
 पुल के गिरने पर विपक्ष ने नीतीश सरकार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है। परबत्ता विधायक डॉक्टर संजीव कुमार ने कहा है कि इस पुल की क्वालिटी को लेकर विधानसभा में भी उन्होंने सवाल उठाए थे। अगुवानी-सुल्तानगंज महासेतु मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का ड्रीम प्रोजेक्ट है लेकिन यहां निर्माण कंपनी एसपी सिंगला की ओर से क्वॉलिटी का काम नहीं किया गया है। परबत्ता विधायक ने मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग करते हुए दोषियों पर एफआईआर दर्ज करने की मांग की है। उन्होंने एसपी सिंगला के प्रोजेक्ट डायरेक्टर आलोक झा को भी आड़े हाथों लिया है।

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स्थानीय लोगों का आरोप
स्थानीय लोगों ने बताया कि अगवानी घाट पुल बनाने में घटिया सामग्री का इस्तेमाल किया जा रहा था। यह पुल भ्रष्टाचार की कहानी चीख-चीख कर बयां कर रही है। पुल का स्ट्रक्चर गिरने के दौरान कई लोगों की जान बाल-बाल बच गई है।

2014 में नीतीश ने किया था शिलान्यास
वर्ष 2014 में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसका शिलान्यास किया था। इसके बाद 2016 में अगुवानी सुल्तानगंज गंगा ब्रिज का निर्माण शुरू हुआ था। इससे पहले जब नितिन नवीन पथ निर्माण मंत्री थे, तब यह पुल गिरा था। इस पुल के चालू हो जाने से उत्तर बिहार के कई जिलों की दूरी कम हो जाती। सितंबर 2015 में पुल और एप्रोच पथ का निर्माण कार्य शुरू हुआ था। पूर्व में पुल का निर्माण कार्य नवम्बर 2019 में पूरा करने का डेडलाइन था, जिसे बढ़ाकर जुलाई 2021 किया गया था। अब 2023 के अंत तक पुल के पूरा होने की संभावना व्यक्त की जा रही थी। इस बीच आज इस पुल का तीन पाया नदी में समा गया।

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