नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के हाथ लगी बड़ी कामयाबी, ड्रग्स के साथ नाइजीरियन गिरफ्तार

नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने बड़ी मात्रा में नीदरलैंड से आया ड्रग्स बरामद किया है।

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नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (Narcotics Control Bureau) की मुंबई शाखा को बड़ी सफलता मिली है। नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (International Drug Trafficking) ने इंटरनेशनल ड्रग ट्रैफिकिंग का बड़ा खुलासा किया है। मुंबई के एक विदेशी पोस्ट ऑफिस (Foreign Post Office) से ड्रग्स (Drugs) की बड़ी खेप बरामद की गई है। नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने पार्सल खेप से एमडीएमए (MDMA) की कुल 996 ग्राम वजन की लगभग 2000 गोलियां जब्त की हैं। शुरुआती जांच में अफ्रीकी सिंडिकेट के शामिल होने की जानकारी सामने आई है। जांच में पता चला कि अफ्रीकी सिंडिकेट (African Syndicate) डार्कनेट के जरिए ड्रग्स ऑर्डर करता था। जानकारी के मुताबिक, ये ड्रग्स नीदरलैंड (Netherlands) से पार्सल मोड के जरिए टिन के डिब्बे में छिपाकर आयात की गई हैं।

नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने बताया कि 20 जून को एफपीओ-मुंबई से एक संदिग्ध पार्सल के बारे में सूचना मिली, जिसे खोलने पर गुलाबी, पीले और हरे रंग की कुल लगभग 2000 गोलियां मिलीं। जब इसकी जांच की गई तो यह एमडीएमए ड्रग्स निकला, जिसका वजन कुल 996 ग्राम था। जिसकी कीमत करीब 2 करोड़ बताई जा रही है। एनसीबी ने रिसीवर का पता लगाने के लिए जांच शुरू की, जिसके लिए हर संभव प्रयास किए गए। एनसीबी ने 26 जून को नालासोपारा में रिसीवर, जॉन संडे नाम के एक अफ्रीकी नागरिक की पहचान की। इसके बाद अधिकारियों की एक टीम ने जाल बिछाया और घटनास्थल पर उसकी मौजूदगी की पुष्टि होते ही उसे पकड़ लिया गया। जब अधिकारियों ने घर की तलाशी ली, तो उन्हें उसकी नकली तस्वीर वाला एक नकली भारतीय पासपोर्ट मिला।

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पूछताछ के दौरान, जॉन ने कबूल किया कि उसने दिल्ली, मुंबई, गोवा और अन्य शहरों में आगे बिक्री के लिए ये दवाएं खरीदी थीं। जॉन ने यह भी स्वीकार किया कि चल रही कड़ी निगरानी के कारण, उन्होंने कुछ हिस्सों में ड्रग्स खरीदने की योजना बनाई थी जिन्हें त्योहारी सीजन की शुरुआत में अवैध ड्रग सर्किट के बीच वितरित किया जाना था। उसके पास से जब्त किया गया भारतीय पासपोर्ट उसने पार्सल बुक करने के लिए जानबूझकर बनाया था। जब्त की गई दवा डार्कनेट आधारित अवैध दवा बाजार से खरीदी गई थी जिसके लिए क्रिप्टोकरेंसी के माध्यम से भुगतान किया गया था। पूछताछ से पता चला कि वह विदेश में रहने वाले कुछ प्रमुख सहयोगियों और गुर्गों के संपर्क में था। वहीं, जांच के दौरान पता चला कि जॉन पर पहले भी 2021 में एनसीबी-मुंबई ने मामला दर्ज किया था और इस समय वह जमानत पर बाहर थे। एजेंसी ने देश भर में उसके सहयोगियों की जांच शुरू कर दी है।

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