British PM सुनक ने बताए यमन में हूती विद्रोहियों पर हमले के कारण, जानें क्यों तबाह किए गये ठिकाने

ब्रिटेन नौ-परिवहन की स्वतंत्रता और मुक्त व्यापार के लिए हमेशा खड़ा रहेगा। हमने आत्मरक्षा के लिए कार्रवाई की है।

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ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक (British PM rishi sunak) ने शुक्रवार को कहा कि यमन में हूती विद्रोहियों (Houthi rebels in Yemen) के ठिकानों के खिलाफ अमेरिका के साथ संयुक्त हवाई हमला (Joint air strike with America) आत्मरक्षा के लिए आवश्यक (necessary for self defense) था। लाल सागर (Red Sea) में नवंबर 2023 से अंतरराष्ट्रीय जहाजों को निशाना बना रहे हूती के खिलाफ अमेरिका के नेतृत्व वाला यह पहला हमला है। सुनक ने ईरान समर्थित समूह पर ब्रिटेन के जहाजों को धमकी देने का आरोप लगाया।

नौ-परिवहन की स्वतंत्रता और मुक्त व्यापार के लिए हमेशा खड़ा रहेगा ब्रिटेन
अमेरिकी वायुसेना ने कहा कि यमन में हूती द्वारा इस्तेमाल किए गए 16 स्थानों पर 60 से अधिक ठिकानों पर हमला किया गया। सुनक ने कहा, अंतरराष्ट्रीय समुदाय की बार-बार चेतावनियों के बावजूद, हूती ने लाल सागर में हमले जारी रखा है, जिसमें इस सप्ताह ब्रिटेन और अमेरिकी युद्धपोतों पर हमले भी शामिल हैं। उन्होंने कहा, इसे सहन नहीं किया जा सकता। ब्रिटेन नौ-परिवहन की स्वतंत्रता और मुक्त व्यापार के लिए हमेशा खड़ा रहेगा। हमने आत्मरक्षा के लिए कार्रवाई की है।

चेतावनी के बावजूद लाल सागर में जहाजों पर जारी थे हमले
ब्रिटेन के रक्षा मंत्रालय (एमओडी) ने कहा कि हूती पर दो हमले किये गये और हमलों के विस्तृत परिणामों का आकलन किया जा रहा है। ब्रिटेन, अमेरिका, बहरीन, कनाडा, डेनमार्क, जर्मनी, नीदरलैंड, न्यूजीलैंड और कोरिया गणराज्य की सरकारों के एक संयुक्त बयान में दोहराया गया कि कड़ी चेतावनियों के बावजूद, अमेरिका और ब्रिटेन के जहाजों सहित लाल सागर में जहाजों के खिलाफ कई मिसाइल और एकतरफा हमले जारी थे।

वैश्विक व्यापार के खतरों को नष्ट करने का उद्देश्य
इसमें कहा गया है कि इन हमलों का उद्देश्य वैश्विक व्यापार और दुनिया के सबसे महत्वपूर्ण जलमार्गों में से एक में अंतरराष्ट्रीय नाविकों के जीवन को खतरे में डालने के लिए हूती द्वारा इस्तेमाल किये जाने वाले ठिकानों को नष्ट करना था। हूती अधिकारियों ने जवाबी प्रतिक्रिया में ब्रिटेन और अमेरिका को चेतावनी दी है कि उन्हें भारी कीमत चुकानी पड़ेगी।(हि.स.)

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