Vande Bharat Express: भारत में बनी वंदे भारत एक्सप्रेस किसी हवाई जहाज से कम नहीं, जानें कैसे?

भारत में पहली वंदे भारत एक्सप्रेस 18 फरवरी 2019 को चली थी। जिसका परीक्षण वाराणसी और दिल्ली के बीच किया गया था। एक ट्रेन बनाने में रेलवे को लगभग 100 करोड़ रुपये का खर्च आता है।

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भारत (India) की सबसे तेज चलने वाली ट्रेन वंदे भारत एक्सप्रेस (Vande Bharat Express) धीरे-धीरे अपना परिचालन (Operations) बढ़ा रही है। पिछले साल दिसंबर 2023 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पांच वंदे भारत ट्रेनों को हरी झंडी दिखाई थी। लेकिन क्या आप वंदे भारत एक्सप्रेस की खासियतें जानते हैं? ट्रेन इतनी खास क्यों है? आइए जानते हैं कि वंदे भारत एक्सप्रेस पूरी तरह से भारत में कैसे बनी है।

भारतीय रेलवे (Indian Railways) के मैकेनिकल अधिकारी सुधांशु मणि, वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन के कंडक्टर थे। उन्होंने लगभग 18 महीने की छोटी अवधि के भीतर ट्रेन की डिलीवरी सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

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वंदे भारत ट्रेनों का निर्माण चेन्नई की इंटीग्रल कोच फैक्ट्री में किया जाता है
भारत में पहली वंदे भारत एक्सप्रेस 18 फरवरी 2019 को चली थी। जिसका परीक्षण वाराणसी और दिल्ली के बीच किया गया था। एक ट्रेन बनाने में रेलवे को लगभग 100 करोड़ रुपये का खर्च आता है। वंदे भारत ट्रेनों का निर्माण चेन्नई की इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (Integral Coach Factory) में किया जाता है। वंदे भारत ट्रेन पूरी तरह से स्वदेशी है। जो गोली की गति से चलती है। इसकी संरचना भी गोली की तरह है। यह ट्रेन यात्रियों के लिए जितनी सुविधाजनक है उतनी ही देखने में भी खूबसूरत है। यात्रियों की छोटी-छोटी जरूरतों का भी ख्याल रखा गया है।

भारत में कितनी वंदे भारत कारें हैं?
वर्तमान में भारत में वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों की संख्या अब 34 हो गई है। 180 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलने में सक्षम यह सेमी-हाई स्पीड ट्रेन 2019 में लॉन्च की गई थी।

वंदे भारत एक्सप्रेस की खास बात
1 – वंदे भारत एक्सप्रेस की स्पीड बहुत ही कम समय में 160 किमी प्रति घंटे से बढ़कर 200 किमी प्रति घंटे हो जाती है।
2 – यह ट्रेन महज 52 सेकेंड में 100 किलोमीटर की रफ्तार पकड़ लेती है।
3 – ट्रेन में स्वचालित दरवाजे लगाए गए हैं। ये दरवाजे बिल्कुल मेट्रो की तरह अपने आप खुलते हैं। यह ट्रेन कई आधुनिक सुविधाओं से लैस है।
4 – सभी कोच वातानुकूलित हैं।
5 – ट्रेन के बाहर का स्पष्ट दृश्य प्रदान करने के लिए बड़ी खिड़कियां लगाई गई हैं।
6 – यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए हर कोच में सीसीटीवी लगाए गए हैं।
7 – यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए ट्रेन के पूरी तरह रुकने पर ही दरवाजे खुलेंगे। ताकि यात्री चलती ट्रेन में न चढ़ सकें और न ही उतर सकें।

देखें यह वीडियो- 

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