Uttarakhand: अब मदरसों के बच्चे भी पढ़ेंगे श्रीराम कथा, जानें क्यों

शम्स का कहना है कि अयोध्या में श्रीराम लला के प्रतिष्ठापित होने के बाद वक्फ बोर्ड के तहत 117 मदरसों में भी श्रीराम कथा का पाठ्यक्रम शामिल किया जा रहा है। इस संदर्भ में मदरसा प्रबंधकों को आवश्यक निर्देश दिए गए हैं।

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Uttarakhand: उत्तराखंड कई मामलों में अन्य प्रदेशों की तुलना में नई ऊंचाई हासिल कर रहा है। इसका प्रमाण वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष शादाब शम्स (Waqf Board Chairman Shadab Shams) और मदरसा बोर्ड के अध्यक्ष मुफ्ती शमून कासमी (Madarsa Board Chairman Mufti Shamoon Qasmi) के अलग-अलग दिए गए बयान हैं। मुस्लिम पंथ के इन दोनों धार्मिक नेताओं का मानना है कि अपने पूर्वजों और धरोहरों को भावी पीढ़ी को बताना हमारी नैतिक जिम्मेदारी है। अब मदरसों (madrassas) के बच्चों को भी भगवान श्रीराम (Lord Shri Ram) और पूर्वजों के बारे में जानकारी दी जाएगी।

वक्फ बोर्ड के सभी मदरसों में पढ़ाई जाएगी श्रीराम कथा
जहां मुफ्ती शमून कासमी का कहना है कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशन में उत्तराखंड मदरसा शिक्षा बोर्ड सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास के दृष्टिकोण पर काम कर रहा है। उनका कहना है कि मदरसों में पढ़ने वाले मुस्लिम छात्रों को एनसीईआरटी पाठ्यक्रम के आधार पर आधुनिक शिक्षा दी जा रही है और उन्हें मुख्य धारा में जोड़ा जा रहा है वहीं वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष शादाब शम्स का भी कहना है कि अब वक्फ बोर्ड के अधीन संचालित सभी मदरसों में श्रीराम कथा पढ़ाई जाएगी।

मदरसा प्रबंधकों को दिए आवश्यक निर्देश
रविवार को अलग-अलग बातचीत में दोनों नेताओं ने अपना दृष्टिकोण स्पष्ट किया। उन्होंने कहा कि वर्तमान संदर्भों में मुस्लिम समाज के बच्चों को एनसीईआरटी पाठ्यक्रम के साथ-साथ श्रीराम कथा की भी पूरी जानकारी होनी चाहिए ताकि श्रीराम के त्याग, तपस्या के बारे में मुस्लिम बच्चे पूरी तरह जान सकें। शम्स का कहना है कि अयोध्या में श्रीराम लला के प्रतिष्ठापित होने के बाद वक्फ बोर्ड के तहत 117 मदरसों में भी श्रीराम कथा का पाठ्यक्रम शामिल किया जा रहा है। इस संदर्भ में मदरसा प्रबंधकों को आवश्यक निर्देश दिए गए हैं।

मदरसों को मॉडर्न मदरसा बनाने का निर्णय
मुफ्ती शमून कासमी और शादाब शम्स दोनों मानते हैं कि इन सभी मदरसों में इस पाठ्यक्रम को शामिल करके बड़ा परिवर्तन किया गया है। शम्स के अनुसार प्रदेश में 415 मदरसे चल रहे हैं, जिनमें 117 उत्तराखंड वक्फ बोर्ड के संचालन में हैं। हमने चार मदरसों को मॉडर्न मदरसा बनाने का निर्णय लिया है। इनमें देहरादून, ऊधमसिंहनगर, हरिद्वार और नैनीताल के मदरसे शामिल किए गए हैं। इनमें एनसीआरईटी की पुस्तकें वर्तमान सत्र से प्रारंभ कर दी गई हैं और पाठ्यक्रम में संस्कृत विषय को विशेष वरियता दी जा रही है।(हि.स.)

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