‘गजवा ए हिंद’ के लिए वे हिंदुओं को खत्म कर रहे थे, जानें कौन हैं वो पाकिस्तानी प्यादे?

देश में लव जिहाद, धर्मांतरण, आतंकवाद के अलग-अलग मार्गों से षड्यंत्र चल रहा है। इस सभी की पृष्ठभूमि में पाकिस्तान और उसकी आतंकी फैक्ट्री आईएसआई की भूमिका रही है। यह लोगों को भड़काकर, लालच देकर और कट्टरवादी प्रवृत्ति के बल पर अपने भारत विरोधी षड्यंत्र को पूरा करती है।

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जहांगीर एक ऐसा नाम है जिसने 15वीं और 16वी शताब्दी में अपना राजपाठ चलाने के लिए मारकाट किया और हिंदू राजाओं की कन्याओं से विवाह किया। यह अब पांच सौ वर्ष पुराना इतिहास है, लेकिन वर्तमान का भारत अब विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र है। परंतु, इस्लामी खेल अब भी नए रूप से जारी है, जिसका मॉड्यूल है इस्लामी ब्रदरहुड, गजवा ए हिंद। इसी मॉड्यूल पर वर्तमान के एक जहांगीर और मोहम्मद कार्य कर रहे थे, जिनका षड्यंत्र उजागर किया है उत्तर प्रदेश एंटी टेरोरिज्म स्क्वॉड ने।

इस्लामी ब्रदरहुड या गजवा ए हिंद इस्लामी कट्टरवाद का एक मॉड्यूल है। जिसके लिए पैसे बहाकर दुश्मन देश पाकिस्तान एक अपरोक्ष जंग लड़ रहा है। उत्तर प्रदेश में ऐसे ही बड़े षड्यंत्र का भंडाफोड़ किया है आंतकवाद निरोधी प्रकोष्ठ (एटीएस) ने। जिसमें दो मुस्लिम कट्टरवादियों को पकड़ा गया है। जिनका नाम है काजी जहांगीर और मोहम्मद उमर गौतम। दोनों ही दिल्ली के निवासी है।

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धर्मांतरण का गिरोह

उत्तर प्रदेश पुलिस के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने बताया कि, एक टीवी चैनल की रिपोर्ट के अनुसार काजी जहांगीर और मोहम्मद उमर गौतम नामक दोनों लोग पाकिस्तान की गुप्तचर एजेंसी आईएसआई के लिए काम कर रहे थे। इसके लिए पैसे भी पाकिस्तान द्वारा उपलब्ध कराए जा रहे थे। इन्होंने अब तक एक हजार लोगों का धर्मांतरण करवाया है। ये लोग समाज में विद्रोह और अविश्वास का वातावरण उत्पन्न करते थे और फिर लालच देकर, प्रेरित करके लोगों को मुसलमान बनाते थे। इसके लिए जामिया नगर में इस्लामिक दवा सेंटर बनाया गया था।

ये लोग थे निशाने पर
यह गिरोह अकेली महिलाओं, बच्चों और विकलांग लोगों को अपने झांसे में फंसाता था। ये महिलाओं का विवाह भी धर्मांतरण करके करा देते थे जिससे महिलाओं की धर्म वापसी न हो पाए। यह पूरी गतिविधि इस्लामिक दवा सेंटर से संचालित होती थी, जिसका गठन ही धर्मांतरण के लिए किया गया था। मोहम्मद उमर ने 1500 विकलांग बच्चों के धर्मांतरण की बात स्वीकार की है। इन बच्चों को दक्षिण के राज्यों में भेज दिया गया है। पुलिस ने इन घटनाओं की जांच की तो सही पाई गई है। इस प्रकरण में आरोपी मोहम्मद उमर गौतम स्वत: धर्मांरित है।

क्या है गजवा ए हिंद?
मोहम्मद साहब की मौत के 200 वर्ष बाद हदीस लिखी गई। इसका शाब्दिक अर्थ होता है ‘रिपोर्ट’। इसके कुल छह संग्रह हैं। कुरान में जिहाद का अर्थ है ‘तपस्या’ जबकि हदीस में जिहाद का अर्थ है ‘धर्म युद्ध’। गजवा ए हिंद का उल्लेख भी हदीस में है। जिसका अर्थ है ऐसा युद्ध जो मोहम्मद साहब के निर्देशों के अनुसार लड़ा जाए। इसके अनुसार प्रत्येक मुसलमान को विश्व में मूर्ति पूजा को समाप्त करने के लिए कार्य करना चाहिए। तभी इस्लाम का राज दुनिया में आएगा। ऐसे में विश्व में सबसे अधिक मूर्ति पूजक यानी ‘हिंदू’ भारत में रहते हैं। इसलिए हिंदुओं का इस्लाम में धर्मांतरण, भारत को कई टुकड़ों में बांटना गजवा ए हिंद का हिस्सा है।

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