आ गई बच्चों की वैक्सीन! कोवैक्सीन की मंजूरी का प्रस्ताव जमा

अब तक 18 वर्ष की आयु से अधिक के लोगों को ही टीका दिया जाता था। इससे कम आयु के किशोर वयीन और बच्चे कोरोना संक्रमण के खतरे में हैं। इस खतरे को देखते हुए विशेषज्ञों ने आशंका व्यक्त की थी कि कोरोना की तीसरी लहर में सबसे अधिक बच्चे प्रभावित हो सकते हैं.

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भारत के स्वदेशी कोविड-19 टीके कोवैक्सीन को 2 वर्ष की आयु के बच्चों को लगाने की अनुमति मिल सकती है। इस संबंध में विशेषज्ञों के दल ने सरकार के पास अनुमति देने का सुझाव भेजा है। यदि इसे आपात उपयोग की अनुमति मिलती है तो 2 वर्ष और उसके ऊपर 18 वर्ष तक की आयु के बच्चे व किशोर भी कोविड-19 टीकाकरण के सुरक्षा घेरे में आ जाएंगे।

कोविड-19 टीके का परिक्षण और निगरानी कर रही सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी ने ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) के पास कोवैक्सीन को बच्चों को दिये जाने संबंधी सुझाव भेजा है। इसके पहले अगस्त में डीसीजीआई ने बच्चों के टीकाकरण के लिए जायकोवी-डी (ZyCov-D) वैक्सीन के आपात उपयोग की अनुमति दी थी। इसे जायडस कैडिला ने बनाया है, और विश्व की पहली डीएनए वैक्सीन है।

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मंजूरी की दिशा में कार्य जारी
केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री डॉ.भारती पवार ने बताया है कि, बच्चों की कोवैक्सीन को अभी डीसीजीआई से अनुमति नहीं मिली है। इस दिय़ा में कार्य चल रहा है। अभी कुछ बातें स्पष्ट की जानी हैं, जिसके बाद इसपर निर्णय लिया जाएगा।

बच्चों पर ट्रायल पूरा
भारत बायोटेक ने बच्चों पर द्वितीय और तृतीय चरण के ट्रायल पूरे कर लिए हैं। इसमें 2 वर्ष से 18 वर्ष के बच्चों के ट्रायल डेटा को अक्टूबर माह में डीसीजीआई के पास भेजा गया है। यदि इस टीके के आपात उपयोग को अनुमति मिलती है तो बच्चों को टीके की सुरक्षा देने के क्षेत्र में यह देश की उल्लेखनीय प्रगति होगी।

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