जहरीला ‘जाकिर’ फीफा वर्ल्ड कम में बुलाया गया, भारत के भगोड़े से कतर की हमदर्दी क्यों?

जाकिर नाईक को भारत ने भगोड़ा घोषित किया है। समाज विरोध कार्यों के कारण उसकी संस्था इस्लामिक रिसर्च फाऊंडेशन पर वर्ष 2026 तक केंद्र सरकार ने प्रतिबंध लगा रखा है।

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फीफा वर्ल्ड कप फुटबाल की शुरुआत में कट्टरवादी जाकिर इस्लामी प्रचार करेगा। इसके लिए कतर ने उसे विशेष रूप से आमंत्रित किया है। भारत ने जाकिर नाईक को समाज विरोधी जहरीले भाषण देने और मनी लॉड्रिंग के आरोप में कार्रवाई शुरू की थी, जिसके बाद जाकिर भाग खड़ा हुआ। उसने इंडोनेशिया में शरण ली है।

फीफा वर्ल्ड कप का आयोजन पहली बार इस्लामी देश कतर में हो रहा है। इसका उपयोग कतर कट्टरवादी इस्लामी प्रचार के लिए कर रहा है। इसे विश्व के गैर इस्लामिक देश इस्लामी प्रचार तंत्र के रूप में देख रहे हैं। कतर का अन्य धर्मों के विरोध का पुराना इतिहास रहा है। वह भारत के कट्टरवादी इस्लामियों का हमदर्द भी रहा है। जाकिर नाईक को आमंत्रित करके उसने इसे ताजा कर दिया है। कतर ने फुटबाल खेल के पहले ही धर्मांतरण का गंदा खेल खेलना शुरू कर दिया है। कतर की ओर से 558 फुटबाल प्रेमियों के इस्लाम स्वीकार करने की खबर दी गई थी।

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भारत के भगोड़ों का रक्षा कवच
कतर इस्लामी कट्टरपंथी देश हैं। जाकिर नाईक के पहले हिंदू देवताओं की अपमानजनक तस्वीर बनानेवाले एम.एफ हुसैन को भी उसने शरण दी थी। जबकि, भारत में हुई घटनाओं को इस्लामी रंग देकर सदा विरोध करता रहा है। भाजपा की तत्कालीन नेता नुपुर शर्मा के विरुद्ध दुष्प्रचार का गंदा खेल रचने और विरोध जतानेवाले देशों में कतर सबसे आगे था।

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