पुणेः ब्लैक फंगस इंजेक्शन की कालाबजारी करनेवाले पांच आरोपी ऐसे चढ़े पुलिस के हत्थे

महाराष्ट्र के पुणे में ब्लैक फंगस के मामले बढ़ते जा रहे हैं। इस कारण इस बीमारी के उपचार के लिए जरुरी इंजेक्शन एम्फोटेरेसिन-बी की कालाबाजारी बढ़ गई है।

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कोरोना महामारी के बाद अब देशभर में अब ब्लैक फंगस से कई मरीज अपनी जान गंवा रहे हैं। ऐसे में इस बीमारी के उपचार में कारगर साबित होने वाले इन्जेशन की कालाबाजारी बढ़ रही है। पिंपरी चिंचवड़ पुलिस ने ऐसे ही शातिर अपराधियो के गिरोह का पर्दाफाश करते हुए 5 लोगों को गिरफ्तार किया है। इनके पास से कुल 1 लाख 69 हजार 443 रुपयों के माल बरामद किए गए हैं।

महाराष्ट्र के पुणे में ब्लैक फंगस यानी म्यूकरमाइकोसिस के मामले बढ़ते जा रहे हैं। इस कारण इस बीमारी के उपचार के लिए जरुरी इंजेक्शन एम्फोटेरेसिन-बी की कालाबाजारी भी बढ़ गई है। यह इंजेक्शन जरुरतमंद मरीजों के परिजनों को वास्तविक मूल्य से कई गुना ज्यादा कीमत पर बेचा जा रहा है।

ग्राहक बनकर किया गिरोह का भंडाफोड़
पुणे में इस तरह के एक गिरोह के सक्रिय होने की खबर मिलने के बाद वाकड इलाके में पुलिसकर्मी नकली ग्राहक बनकर गौरव जयवंत जगताप नामक आरोपी से मिले और इस कालाबाजारी के धंधे का पर्दाफाश किया। आरोपी से पूछताछ करने पर पता चला कि उसके साथी अमोल अशोक मांजरेकर , गणेश काका कोतमे, नर्स ममता देवरावजी ललित और मेडिकल स्टोर के प्रदीप बालासाहब लोंढे भी इस काले धंधे में शामिल हैं।

पुलिस कमिश्नर ने दी जानकारी
पुणे के पुलिस कमिश्नर कृष्ण प्रकाश ने बताया कि गौरव समेत अन्य आरोपी जरुरतमंद ग्राहकों की तालाश कर एम्फोटेरेसिन-बी इंजेक्शन 21 से लेकर 65 हजार रुपए तक में बेचते थे। जबकि इस इंजेक्शन की वास्तविक कीमत महज 7 हजार 814 रूपए है। इन आरोपियों में कोविड सेंटर में काम करनेवाली नर्स ममता भी शामिल है। पुलिस ने सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर इनसे कुल 1 लाख 69 हजार 443 रुपयों का माल बरामद किया है।

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