हवाई अड्डे पर मिलेगा स्वयं सहायता समूह द्वारा तैयार उत्पाद, ये है उद्देश्य

देश के हवाई अड्डे पर ग्रामीण महिलाओं द्वारा तैयार उत्पाद का आउटलेट रहेगा, इससे ग्लोबल लेवल पर ग्रामीण उत्पाद की ब्रांडिंग और बिक्री हो सकेगी।

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देशवासियों की आय में वृद्धि कर आत्मनिर्भर बनाने के लिए लगातार काम कर रहे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने ग्रामीण क्षेत्र के कारीगरों और महिलाओं को एक बड़ा तोहफा दिया है। राष्ट्रीय आजीविका मिशन के स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) से जुड़ कर गांव की महिलाओं द्वारा घर-घर में तैयार किए जाने वाले उत्पाद विभिन्न प्रकार के कारीगरों द्वारा बनाए जाने वाले सामानों को राष्ट्रीय पहचान दिलाने के लिए सरकार ने बड़ी पहल की है।

देश के हवाई अड्डे पर ग्रामीण महिलाओं द्वारा तैयार उत्पाद का आउटलेट रहेगा, इससे ग्लोबल लेवल पर ग्रामीण उत्पाद की ब्रांडिंग और बिक्री हो सकेगी। जहां ग्रामीण महिलाओं द्वारा संचालित स्वयं सहायता समूह अपने घरेलू उत्पादों का प्रदर्शन और विपणन करेगा। पैकेज्ड पापड़, अचार, बांस आधारित लेडीज बैग, बोतल, लैंप सेट, कलाकृति, पारंपरिक शिल्प, प्राकृतिक रंग, कढ़ाई एवं समकालीन डिजाइन के साथ स्वदेशी बुनाई सहित अन्य उत्पाद उपलब्ध होंगे। अभियान के पहले चरण में चेन्नई हवाई अड्डे पर देश का पहला आउटलेट शुरू हो गया है, जबकि 11 हवाई अड्डों पर आउटलेट शुरू करने का कार्य प्रगति पर है।

गिरिराज सिंह ने बताया उद्देश्य
केंद्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री गिरिराज सिंह ने बताया कि सरकार स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं की आय कम से कम एक लाख रुपया वार्षिक करने के लिए प्रतिबद्ध है तथा इस दिशा में लगातार कार्य चल रहे हैं। गिरिराज सिंह ने बताया कि सहायता समूह की ग्रामीण महिलाओं के लिए मोदी सरकार ने एक और बड़ा कदम उठाया है। स्वयं सहायता समूह उत्पाद का रीटेल आउटलेट हर हवाई अड्डे पर होगा। छोटे और ग्रामीण समुदायों को निर्वाह से स्थिरता की ओर बढ़ने के लिए सशक्त बनाने के लिए स्वयं सहायता समूह भारत के सबसे शक्तिशाली चैनल हैं।

अवसर उपलब्ध करने के लिए अवसर योजना
एसएचजी को मजबूत करने के लिए सरकार लगातार माहौल बना रही है। ऐसे कई समूह उपभोक्ताओं की मांग के साथ स्थानीय कला, शिल्प, उपयोगी और गुणवत्ता वाले उत्पादों के उत्कृष्ट निर्माता और क्रिएटर्स हैं और उन्हें अपने उत्पादों को प्रदर्शित करने के लिए अवसर और स्थान की आवश्यकता होती है। भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) ने महिलाओं, कारीगरों और शिल्पकारों की प्रतिभा को प्रोत्साहित करने तथा उन्हें सही अवसर प्रदान करने के लिए ”अवसर” शुरू की है। अवसर का मतलब क्षेत्र के कुशल कारीगरों के लिए स्थान के रूप में हवाई अड्डा है।

हवाई अड्डे पर बनेगा आउटलेट
एएआई की यह पहल आत्मनिर्भरता के लिए अपने परिवारों को कार्यात्मक रूप से प्रभावी स्व-अर्जित समूहों में संगठित करने में मदद करने का अवसर प्रदान करेगा। अवसर योजना के तहत एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एएआई) हर हवाईअड्डे पर एक रीटेल आउटलेट बनाएगा। चेन्नई हवाईअड्डे पर ऐसा पहला आउटलेट शुरू हो चुका है, जबकि अगरतला, देहरादून, कुशीनगर, उदयपुर, अमृतसर, रांची, इंदौर, सूरत, मदुरई, भोपाल एवं बेलगावि हवाई अड्डे पर कार्य प्रगति पर है।

उत्पाद बड़ी आबादी तक पहुंचाने की कोशिश
गिरिराज सिंह ने कहा कि एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एएआई) हवाई अड्डों पर जगह आवंटित करके एसएचजी को मजबूत करने की पहल इन छोटे समूहों को बड़ी दृश्यता प्रदान करेगी तथा उन्हें अपने उत्पादों को व्यापक रूप से बढ़ावा देने, विपणन करने के लिए तैयार करेगी तथा उत्पाद बड़ी आबादी तक पहुंच जाएगी।

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