मणिपुर हिंसा: सर्वोच्च न्यायालय ने गठित की तीन पूर्व न्यायाधीशों की समिति, सौंपी ये जिम्मेदारी

7 अगस्त को पीठ में शामिल न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा ने कहा कि शीर्ष न्यायालय का प्रयास राज्य में कानून के शासन में विश्वास और आस्था की भावना बहाल करना है।

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भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने 7 अगस्त को उच्च न्यायालय के तीन पूर्व न्यायाधीशों- न्यायमूर्ति गीता मित्तल, न्यायमूर्ति शालिनी जोशी, न्यायमूर्ति आशा मेनन की एक समिति गठित की है। इस समिति का नेतृत्व न्यायमूर्ति गीता मित्तल करेंगी।यह समिति मणिपुर में जांच, राहत और मुआवजा, पुनर्वास की देखरेख करेगी।

 बता दें कि सर्वोच्च न्यायालय ने 3 मई को हुई मणिपुर हिंसा के संबंध में याचिकाओं पर सुनवाई फिर से शुरू की है।

7 अगस्त को पीठ में शामिल न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा ने कहा कि शीर्ष न्यायालय का प्रयास राज्य में कानून के शासन में विश्वास और आस्था की भावना बहाल करना है।

खास बातेंः
-1 अगस्त को शीर्ष न्यायालय ने कहा था कि मणिपुर में कानून-व्यवस्था और संवैधानिक मशीनरी पूरी तरह से चरमरा गई है।

-सर्वोच्च न्यायालय ने जारी घटनाओं और विशेषकर महिलाओं को निशाना बनाने वाली घटनाओं की “धीमी” और “सुस्त” जांच के लिए राज्य पुलिस को फटकार लगाई थी और 7 अगस्त को अपने सवालों का जवाब देने के लिए डीजीपी को तलब किया था।

-केंद्र ने पीठ से आग्रह किया था कि महिलाओं को भीड़ द्वारा नग्न परेड कराने वाले वीडियो से संबंधित दो एफआईआर के बजाय, महिलाओं और बच्चों के खिलाफ हिंसा से जुड़ी 6,523 एफआईआर में से 11 को सीबीआई को स्थानांतरित किया जा सकता है और मणिपुर से बाहर मुकदमा चलाया जा सकता है।

-पीठ हिंसा से संबंधित लगभग 10 याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है, जिनमें राहत और पुनर्वास के उपायों के अलावा मामलों की अदालत की निगरानी में जांच की मांग भी शामिल है।

-मणिपुर के कुकी समुदाय के दिल्ली-एनसीआर स्थित महिला संगठन मीनविले ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता द्वारा सर्वोच्च न्यायालय में की गई उस टिप्पणी को वापस लेने की मांग की है, जिसमें उन्होंने कथित तौर पर कहा था कि अधिकांश लावारिस शव मणिपुर में जातीय हिंसा “घुसपैठियों” से संबंधित हैं।

-मणिपुर 3 मई से भीषण जातीय हिंसा की चपेट में है। कुकी और मैतेई समुदाय के बीच हिंसा तब शुरू हुई, जब मणिपुर उच्च न्यायालय ने मुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता एन बीरेन सिंह को सुझाव दिया कि मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति (एसटी) सूची में जोड़ा जाए।

सैकड़ों लोग विस्थापित
मणिपुर अशांति में बार-बार होने वाली हिंसक घटनाओं में सैकड़ों लोग विस्थापित हुए, कई लोग मारे गए और कई घायल हुए। मैतेई भीड़ द्वारा कुकी ज़ो की दो महिलाओं को नग्न कर घुमाए जाने का एक वायरल वीडियो सामने आया, जिसके बाद बड़े पैमाने पर आक्रोश फैल गया।

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