स्वच्छता में इस क्रमांक पर महाराष्ट्र! जानें, मिले कितने पुरस्कार

लगभग 475 वर्ग किमी के क्षेत्रफल के साथ, मुंबई महानगर की आबादी डेढ़ करोड़ से अधिक है। मुंबई में करीब दो हजार किलोमीटर सड़कें हैं। अन्य शहरों से लाखों नागरिक प्रतिदिन व्यापार के लिए मुंबई आते हैं।

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केंद्र सरकार के स्वच्छता पुरस्कारों में महाराष्ट्र ने सर्वाधिक 92 पुरस्कार जीते हैं। 100 से अधिक नगर निकायों वाले महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश को क्रमशः देश का दूसरा और तीसरा सबसे स्वच्छ राज्य घोषित किया गया है। स्वच्छता के मामले में देश में प्रथम स्थान पर आए छत्तीसगढ़ को 67 पुरस्कार मिले हैं, जबकि दूसरे स्थान पर रहने वाले महाराष्ट्र ने सबसे ज्यादा 92 पुरस्कार जीते हैं। केंद्रीय आवास और शहरी विकास मंत्रालय ने 20 नवंबर को इस साल के ‘स्वच्छ सर्वेक्षण’ के परिणामों की घोषणा की।

स्वच्छता में इन शहरों ने मारी बाजी
‘स्वच्छ सर्वेक्षण पुरस्कार, 2021’ की ‘स्वच्छ शहर’ श्रेणी में सूरत और विजयवाड़ा क्रमशः दूसरे और तीसरे स्थान पर रहे। हालांकि इंदौर और सूरत ने स्वच्छ सर्वेक्षण पुरस्कार 2021 में अपना शीर्ष स्थान बरकरार रखा, लेकिन नवी मुंबई ने पिछले साल का अपना तीसरा स्थान खो दिया और इस साल इसे चौथे स्थान से संतोष करना पड़ा। हालांकि, ‘कचरा मुक्त शहर श्रेणी’ में इंदौर, सूरत, नई दिल्ली, अंबिकापुर, मैसूर, नोएडा, विजयवाड़ा और पाटन के साथ नवी मुंबई को पांच सितारा रेटिंग मिली है।

10 से 40 लाख की आबादी वाले शहरों में इनका जलवा
‘सफाईमित्र सुरक्षा चुनौती’ श्रेणी में इंदौर, नवी मुंबई, नेल्लोर और देवास शीर्ष प्रदर्शन करने वाले शहर हैं। 10 से 40 लाख की आबादी के साथ, नवी मुंबई को देश के ‘सबसे स्वच्छ बड़े शहर’ के रूप में स्थान दिया गया है। एक लाख से कम आबादी के साथ वीटा महाराष्ट्र का सबसे स्वच्छ शहर है, इसके बाद लोनावला और सासवड हैं।

 4,320 शहरों का किया गया सर्वेक्षण
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने दिल्ली में एक समारोह में केंद्रीय आवास एवं शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी और अन्य गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति में पुरस्कार प्रदान किया। एक राष्ट्रव्यापी स्वच्छता सर्वेक्षण में, 28 दिनों में 4,320 शहरों को कवर किया गया।

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बीएमसी को इसलिए मिले पुरस्कार
लगभग 475 वर्ग किमी के क्षेत्रफल के साथ, मुंबई महानगर की आबादी डेढ़ करोड़ से अधिक है। मुंबई में करीब दो हजार किलोमीटर सड़कें हैं। अन्य शहरों से लाखों नागरिक प्रतिदिन व्यापार के लिए मुंबई आते हैं। इन सभी क्षेत्रों को ध्यान में रखते हुए, दैनिक ठोस कचरे का प्रबंधन करना महानगर पालिका प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती है। यहां सालाना औसतन लगभग 6,100 मीट्रिक टन ठोस कचरे का प्रबंधन किया जाता है। इस प्रबंधन को अधिक सुविधाजनक और पर्यावरण के अनुकूल बनाने के लिए महानगर पालिका ने कई कदम उठाए हैं। इसके साथ ही  लोगों की भी भागीदारी बढ़ी है। इन सभी उपलब्धियों के लिए इसे पुरस्कृत किया गया है।

सीएम  उद्धव ठाकरे ने दी बधाई
“महाराष्ट्र शुरू से ही स्वच्छता के मामले में सबसे आगे रहा है। अब, महाराष्ट्र ने महानगर पालिका श्रेणी में तीन प्रमुख पुरस्कार जीते हैं। सभी अधिकारियों, नागरिकों और नगरसेवकों को बधाई।”

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