अब आग लगी तो अस्पताल प्रबंधन की खैर नहीं! जानिये, सरकार के सर्कुलर में क्या है

महाराष्ट्र सरकार ने सरकारी और निजी अस्पतालों को बिजली आपूर्ति को लेकर अधिक सावधानी बरतने का निर्देश दिया है।

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कोरोना काल में महाराष्ट्र के कई अस्पतालों में आग लगने से कई लोगों की जान चली गई। इन घटनाओं की जिम्मेदारी अब संबंधित अस्पताल प्रबंधन की होगी। इस संबंध में राज्य सरकार ने हाल ही में एक सर्कुलर जारी किया है। कुछ महीने पहले भंडारा के एक सरकारी अस्पताल की गहन चिकित्सा इकाई( आईसीयू) में आग लगने से कई बच्चों की मौत हो गई थी। साथ ही नागपुर के वाडी इलाके के एक निजी अस्पताल में भीषण आग लग गई थी, जिसमें कई लोगों की जान चली गई थी। आग लगने का कारण शॉर्ट सर्किट बताया गया था। अब राज्य सरकार ने सरकारी और निजी अस्पतालों को बिजली आपूर्ति को लेकर अधिक सावधानी बरतने का निर्देश दिया है।

सतत बिजली आपूर्ति जरुरी
सरकार ने अस्पतालों में बिजली आपूर्ति बनाए रखने, जनरेटर के साथ-साथ इनवर्टर के माध्यम से आंतरिक बिजली आपूर्ति प्रदान करने, ऑपरेशन थिएटर में एयर कंडीशनिंग सिस्टम लैस करने, आईसीयू में बिजली के उपकरणों की उचित देखभाल और रखरखाव करने के संबंध में दिशा-निर्देश दिए हैं। बिजली आपूर्ति की अखंडता उतनी ही महत्वपूर्ण है, जितनी कि अस्पताल में आंतरिक बिजली व्यवस्था की सुरक्षा की। निर्बाध बिजली आपूर्ति बनाए रखना अस्पताल प्रबंधन के साथ-साथ आपूर्तिकर्ता कंपनी की सामूहिक जिम्मेदारी होगी।

फायर ऑडिट कराना होगा
उच्च दाब एवं मध्यम दाब फीडरों की समय-समय पर निरीक्षण, अस्पताल में विद्युत भार स्वीकृत भार से अधिक न हो, इसकी जांच करना, 15 मीटर से अधिक ऊंचाई वाले भवनों के अस्पतालों को विद्युत निरीक्षक द्वारा “अनापत्ति प्रमाणपत्र” जारी करने के एक वर्ष के भीतर विद्युत सुरक्षा के लिए आंतरिक विद्युत व्यवस्था का निरीक्षण करना आवश्यक है। अग्नि सुरक्षा प्रणाली को प्रमाणित करने के लिए एक सक्षम निकाय द्वारा इन भवनों का अग्नि लेखा परीक्षण नियमित रूप से करना होगा।

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माइक्रोकंट्रोलर प्लांट लगाने के निर्देश
आइओटी थ्योरी पर चलने वाले माइक्रोकंट्रोलर प्लांट के तहत पावर स्ट्रक्चर लेआउट में दोषों या असामान्यताओं का विश्लेषण करके दोषों का निदान किया जाना चाहिए। सरकार ने सभी सरकारी और निजी अस्पतालों के साथ-साथ सार्वजनिक भवनों में टेस्टिंग लैब से प्रमाणित आईओटी आधारित माइक्रोकंट्रोलर प्लांट लगाने के निर्देश दिए हैं। सर्कुलर में सरकारी और निजी अस्पतालों तथा सार्वजनिक भवनों के आसपास संचालित लिफ्टों में दुर्घटनाओं की रोकथाम के लिए भी दिशा-निर्देश दिए गए हैं।

मरीजों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता- राउत
कोरोना काल में सरकारी और निजी अस्पतालों पर खासा दबाव रहा। विद्युत उपकरणों के ठीक से रखरखाव न होने के कारण इस तरह की घटनाएं हुईं। ऊर्जा मंत्री नितिन राउत ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा सार्वजनिक और निजी अस्पतालों में पर्याप्त बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने तथा अस्पताल में आने वाले मरीजों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देने के भी निर्देश जारी किए गए हैं।

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