सीबीएसई में अब नहीं पढ़ाया जाएगा मुगलों का इतिहास! जानिये, कौन-कौन से पाठ किए गए आउट

बोर्ड ने राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद यानी एनसीईआरटी की सिफारिशों के आधार पर सीबीएसई ने 10वीं, 11वीं और 12वीं के पाठ्यक्रम से कई अध्याय हटा दिए हैं।

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केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड यानी सीबीएसई ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। इस निर्णय के तहत बोर्ड ने 10वीं, 11वीं और 12वीं के पाठ्यक्रम से कई चैप्टर निकाल दिए हैं। इनमें इस्लामी साम्राज्य के साथ ही फैज अहमद फैज की नज्में भी शामिल हैं।

बोर्ड ने राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद यानी एनसीईआरटी की सिफारिशों के आधार पर ये परिवर्तन किए हैं। हटाए गए चैप्टर्स में गुटनिरपेक्ष आंदोलन, शीत युद्ध, अफ्रीकी क्षेत्रों में इस्लामी साम्राज्यों के उदय, मुगल दरबारों के इतिहास के साथ ही मशहूर शायर फैज अहमद फैज की नज्में शामिल हैं।

11वीं और 12वीं के पाठ्यक्रम से हटाए गए ये चैप्टर्स
सीबीएसई ने 11वीं और 12वीं के पाठ्यक्रम से गुटनिरपेक्ष आंदोलन, शीतयुद्ध के दौर, अफ्रीकी-एशियाई क्षेत्रों में इस्लामी साम्राज्य के उदय, मुगल दरबारों के इतिहास और औद्योगिक अध्याय से कृषि पर वैश्वीकरण का प्रभाव अध्याय को बाहर कर दिया है, वहीं 10वीं के पाठ्यक्रम से खाद्य सुरक्षा से संबंधित पाठ- कृषि पर वैश्वीकरण का प्रभाव हटा दिया गया है। इसके साथ ही फैज अहमद फैज के अनुवादित अंश को भी हटा दिया गया है। साथ ही साथ पाठ्यक्रम से लोकतंत्र और विविधता से जुड़े पाठ भी हटा दिए गए हैं।

ये पाठ भी आउट
11वीं के सयलेबस से हटाए गए पाठ सेंट्रल इस्लामिक लैंड्स, अफ्रीकी- एशियाई क्षेत्र में इस्लामी साम्राज्य के उदय और अर्थव्यवस्था एवं समाज पर इसके प्रभाव पर आधारित हैं। 12वीं कक्षा से द मुगल कोर्टः रिकंस्ट्रिंग क्रॉनिकल्स पाठ मुगलों के सामाजिक, धार्मिक और सांस्कृतिक इतिहास के पुर्ननिर्माण हटा दिए गए हैं।

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