स्वातंत्र्यवीर सावरकर राष्ट्रीय स्मारक के अध्यक्षपद के लिए पूर्व पुलिस महासंचालक प्रवीण दीक्षित ने भरी उम्मेदवारी

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स्वातंत्र्यवीर सावरकर राष्ट्रीय स्मारक के अध्यक्ष पद का चुनाव 26 दिसंबर, 2021 को होना है। इस दिन स्मारक की वार्षिक सर्वसाधारण बैठक नियोजित है, जिसमें इसका निर्णय होगा। इस पद के लिए महाराष्ट्र के पूर्व पुलिस महासंचालक प्रवीण दीक्षित ने अपनी उम्मेदवारी दायर की है। उनकी उम्मेदवारी पर सूचक ब्रिगेडियर (सेवा निवृत्त) हेमंत महाजन और अनुमोदक सावरकर साहित्य के अभ्यासक चंद्रशेखर साने हैं।

अपनी उम्मीदवारी भरने के पश्चात प्रतिक्रिया देते हुए प्रवीण दीक्षित ने कहा कि, स्मारक का कार्य उत्कृष्टता से चल रहा है, इसे प्रगति की नई उंचाई पर ले जाना उनका लक्ष्य है। स्वातंत्र्यवीर सावरकर राष्ट्रीय स्मारक के कड़े विरोध से ‘एबीपी माझा’ और ‘द वीक’ जैसे मीडिया समूह माफी मांगने पर मजबूर हो गए, इन समाचार माध्यमों ने वीर सावरकर की बदनामी की थी। आगे भी बदनामी करनेवालों का कड़ा प्रतिकार करते रहेंगे, लेकिन उसके साथ ही आवश्यकता यह भी है कि समविचारी लोगों को संगठित किया जाए, जिससे बदनामी जैसे कृत्य करनेवालों पर दबाव निर्मित हो सके।

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कार्यों की प्रशंसा

  • वर्तमान समय में वीर सावरकर राष्ट्रीय स्मारक के अंतर्गत 30 से अधिक उपक्रम संचालित किये जाते हैं, 50 से अधिक कर्मचारी कार्यरत हैं। कोरोना महामारी का प्रभाव सभी गतिविधियों पर पड़ा था, स्वातंत्र्यवीर सावरकर राष्ट्रीय स्मारक के समक्ष भी चुनौतियां थीं, आमदनी बंद हो गई थी। लेकिन, इसके बाद भी सभी कर्मचारियों को पूरा वेतन भुगतान किया गया। अपनी सामाजिक वचनबद्धता को निभाते हुए अस्पताल में 500 पीपीई किट, पुलिस और मुंबई मनपा के कर्मियों के लिए दस हजार मास्क दिया गया। इसके साथ ही स्मारक के कई उपक्रम और गतिविधियां ऑनलाइन संचालित की गई।
  • पुरातत्व विभाग की दत्तक योजना के अंतर्गत नासिक के भगूर में स्थित सावरकर वाडा के रखरखाव की जिम्मेदारी मिलना एक सम्मान है। वहां पर्यटकों की आवाजाही बढ़ना वीर सावरकर के प्रति सम्मान और उनके सिद्धातों के प्रति लोगों में जागरूकता का प्रतीक है।
  • वाम पंथियों के गढ़ जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में ‘हे मृत्युंजय’ नाटक का दो बार मंचन हुआ। इसके साथ ही दिल्ली विश्वविद्यालय में भी इसका मंचन होना स्मारक की बड़ी सफलता है।
  • हिमाचल प्रदेश के एक शिखर का नाम सावरकर शिखर रखना और पर्वतारोहण क्षेत्र में तीन पुरस्कारों को शुरू करना भी स्मारक का बड़ा यश है।

इन कार्यों की प्रशंसा करते हुए वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी प्रवीण दीक्षित ने कहा कि, स्मारक के पदाधिकारियों के पीछे मजबूती से खड़े होकर, स्मारक का विकास कार्यों को अखंडित चलाना उनकी प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि स्वातंत्र्यवीर सावरकर राष्ट्रीय स्मारक की सफलताओं को नए शिखर पर ले जाने का कार्य भी मैं करता रहूंगा।

ये हैं प्राथमिकता
आगामी काल में स्वातंत्र्यवीर सावरकर राष्ट्रीय स्मारक की शाखा देश विदेश में शुरू करना, फ्रांस के मार्सेलिस में वीर सावरकर स्मारक निर्माण के लिए किये जा रहे प्रयत्नों को मूर्तरूप देने के लिए पूर्ण प्रयत्न करना, युवा पीढ़ी तक वीर सावरकर के विचारों को पहुंचाने के लिए आधुनिक माध्यमों का उपयोग करना और वीर सावरकर के ग्रंथों को नए माध्यमों से पहुंचाना भी प्राथमिकता होगी।

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