भारत फिर से बनेगा विश्व गुरु, भैयाजी जोशी ने लोगों से की यह अपील

भैयाजी जोशी ने 24 अक्टूबर को विजयादशमी उत्सव एवं शास्त्र पूजन कार्यक्रम को संबोधित किया। कार्यक्रम का आयोजन इंदिरापुरम स्थित शिप्रा माॅल ग्रीन बेल्ट में किया गया था।

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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय कार्यकारिणी सदस्य सुरेश जोशी उपाख्य भैयाजी जोशी ने मंगलवार को कहा कि भारत विश्वगुरु बनेगा यह तय है, परंतु हम सभी को अपनी सहभागिता तय करनी होगी। भविष्य के भारत का चिंतन करना पड़ेगा, भगीरथ बन गंगा रूपी भारत माता को पुनः विश्वगुरु बनाने का संकल्प लेना है। भविष्य के भारत का निर्माण करना हम सबकी जिम्मेदारी है।

भैयाजी जोशी 24 अक्टूबर को गाजियाबाद में विजयादशमी उत्सव एवं शास्त्र पूजन कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम का आयोजन इंदिरापुरम स्थित शिप्रा माॅल ग्रीन बेल्ट में किया गया था। उन्होंने कहा कि आज संघ के 98 वर्ष हो गये हैं। देशभर में नौ दिनों से दुर्गा की आराधना हो रही है। जो व्रत पूजा हम करते हैं वह शक्ति की आराधना है। भगवान राम लंका पर राज करने या केवल मां सीता को छुड़ाने नहीं गये थे बल्कि रावण रूपी राक्षसी, आसुरी शक्ति का नाश करने भी गए थे और फिर विभीषण को लंका का राजा बनाया, स्वयं राजा नहीं बने, जबकि वह चाहते तो बन सकते थे।

संघ के वरिष्ठ प्रचारक
संघ के वरिष्ठ प्रचारक भैयाजी ने जोर देकर कहा कि हिंदू समाज शक्ति की आराधना या संग्रह किसी को डराने या पराजित करने के लिए नहीं बल्कि सज्जन शक्ति की रक्षा करने के लिए करता है। उन्होंने कहा कि गर्व की बात है कि अब विश्व भारत की सुनता है, यह विश्वभर में कार्य कर रहे डॉक्टरों, इंजीनियर्स और विभिन्न पदों पर कार्यरत प्रबुद्ध भारतीयों के कारण है और उनका इस देश के लिए योगदान है। आज विश्वभर में 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाते हैं और भारत के आयुर्वेद को भी मान्यता मिल रही है। इस्कॉन के माध्यम से विश्व भर में भगवान श्रीकृष्ण की उपासना लोग कर रहे हैं। जी-20 में विश्वभर से लोग भारत आये और विभिन्न देशों के लोगों ने भारत के विभिन्न क्षेत्रों का अनुभव किया।

वसुधैव कुटुंबकम भारत की नीति
उन्होंने कहा कि यूक्रेन में फंसे भारतीयों को वहां से भारत लाने का कार्य सेना और शासन ने किया है, जो “वसुधैव कुटुंबकम्” का ही उदाहरण है। भोगवाद पशुता का गुणधर्म है, मनुष्य संयमशील भोग करता है। भारत का समाज अपने मूल्यों पर चलता आया समाज है। सबको साथ लेकर चलने का भाव है। हमें मूल्यों के प्रति जागृत होना है। मूल्यों में अगर क्षरण आता है तो समाज समाज नहीं रहेगा। मूल्यों के प्रति समाज जागृत रहे तो हमारा चिंतन, हमारा पुरुषार्थ विश्वगुरु के रूप में बड़ा होगा।

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600 स्वयंसेवक बने सहभागी
कार्यक्रम में लगभग 600 स्वयंसेवक सहभागी बने। इस अवसर पर पश्चिम उत्तर प्रदेश क्षेत्र के क्षेत्र प्रचारक महेन्द्र, क्षेत्र विमर्श प्रमुख सुशील; मेरठ के सह प्रांत प्रचारक विनोद, महानगर प्रचारक ललित शंकर, कार्यवाह आशीष, सह कार्यवाह अमरदीप समेत कई प्रमुख लोग मौजूद रहे।

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