युवाओं में बढ़ती हृदय रोग चिंताजनक: राज्यपाल रमेश बैस

राज्यपाल रमेश बैस द्वारा 'कार्डियक इमेजिंग अपडेट-2023' पुस्तक और सम्मेलन की स्मारिका का विमोचन किया गया।

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कार्डियक इमेजिंग (Cardiac Imaging) जैसी उन्नत तकनीकों ने हृदय रोग (Heart Disease) के निदान और उपचार में क्रांति ला दी है, लाखों लोगों की जान बचाई है और रोगियों (Patients) के जीवन की गुणवत्ता में सुधार किया है। हालांकि, 20-30 वर्ष की आयु के युवाओं में देखी जाने वाली हृदय रोग चिंता का विषय है और हृदय रोग विशेषज्ञों को इसे रोकने के लिए समाज का मार्गदर्शन करना चाहिए, यह बात राज्यपाल रमेश बैस (Governor Ramesh Bais) ने ‘कार्डियक इमेजिंग एंड क्लिनिकल कार्डियोलॉजी’ (Cardiac Imaging and Clinical Cardiology) पर तीसरे विश्व सम्मेलन (World Conference) के उद्घाटन के अवसर पर कहा।

इस मौके पर आगे बोलते हुए उन्होंने कहा कि इमेजिंग जैसी उन्नत तकनीकी विधियां आम मरीजों के लिए महंगी हैं। ऐसे परीक्षणों के लिए आवश्यक चिकित्सा उपकरण अधिकतर विदेशों में निर्मित होते हैं और महंगे होते हैं। राज्यपाल ने कहा, यदि देश में आधुनिक चिकित्सा उपकरणों का निर्माण किया जाता है, तो इमेजिंग परीक्षणों की लागत कम हो जाएगी। राज्यपाल ने कहा कि अगर हृदय रोग और उसके निदान की लागत को आयुष्मान भारत जैसी योजना से कवर किया जाए तो इससे गरीब परिवारों को बहुत फायदा होगा।

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कार्यक्रम में इन लोगों की रही मौजूदगी
इस अवसर पर राज्यपाल द्वारा ‘कार्डियक इमेजिंग अपडेट-2023’ पुस्तक और सम्मेलन की स्मारिका का विमोचन किया गया। उद्घाटन सत्र में परमाणु ऊर्जा नियामक बोर्ड के अध्यक्ष और परमाणु वैज्ञानिक दिनेश कुमार शुक्ला, कार्डियक इमेजिंग वर्ल्ड कांग्रेस के अध्यक्ष डॉ. सीएन मंजूनाथ, वर्ल्ड फेडरेशन ऑफ कार्डियक इमेजिंग एंड क्लिनिकल कार्डियोलॉजी के अध्यक्ष डॉ. जीएन महापात्रा, डॉ. उपस्थित थे। विनोद भंडारी, संस्थापक, श्री अरबिंदो इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज इंदौर, साथ ही राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय प्रतिनिधि उपस्थित थे।

वायु प्रदूषण, तनाव से बढ़ रही है हृदय रोग: डॉ. मंजूनाथ
हृदय रोग, उच्च रक्तचाप, मधुमेह, कैंसर और हाल ही में स्क्रीन की लत के साथ जीवनशैली संबंधी बीमारियों के मामले में भारत की स्थिति गंभीर है। हृदय रोग से होने वाली सभी मौतों में से एक-तिहाई चालीस वर्ष से अधिक उम्र के लोगों में होती हैं। वर्ल्ड कांग्रेस के अध्यक्ष और हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. सीआर मंजूनाथ ने कहा कि हृदय विकारों की बढ़ती संख्या के पीछे वायु प्रदूषण भी एक कारण है। जो दिल की बीमारियां शहर और खासकर अमीर लोगों को होती थीं, वे अब गरीबों, मजदूरों और ग्रामीणों को भी होने लगी हैं। उन्होंने कहा कि बेहतर होगा कि बच्चों का स्कूल 10:30 बजे से शुरू किया जाए ताकि बच्चों को अच्छी नींद आए और बच्चों को तैयार करते समय माता-पिता का तनाव भी कम हो।

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