पटना उच्च न्यायालय में जातीय गणना पर सुनवाई पूरी, इस तारीख को आएग फैसला

जातीय गणना पर रोक लगाने के लिए पटना उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की गई है। इस मामले पर बुधवार को उच्च न्यायालय में सुनवाई पूरी हो गयी।

111

जातीय गणना पर रोक लगाने के लिए पटना उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की गई है। इस मामले पर बुधवार को उच्च न्यायालय में सुनवाई पूरी हो गयी। फैसले को सुरक्षित रखा गया है। इस मामले में 4 मई को फैसला आएगा।

इस गणना का क्या है उद्देश्य?
बहस के दौरान उच्च न्यायालय ने सरकार से पूछा कि इस गणना का उद्देश्य क्या है? क्या इसे लेकर कोई कानून भी बनाया गया है? ये गणना राज्य सरकार के अधिकार क्षेत्र में आती है या नहीं। इस पर महाधिवक्ता पीके शाही ने जवाब दिया कि सरकार सभी बातों का ध्यान रखकर इसे करवा रही है। इस गणना से सरकार को गरीबों के लिए नीतियां बनाने में आसानी होगी। यह मामला एक मई को पटना उच्च न्यायालय पहुंचा था। दो दिन लगातार सुनवाई हुई है।

याचिका में कही गई ये बात
जातीय गणना पर रोक लगाने की मांग को लेकर 21 अप्रैल को सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दायर की गई थी। याचिका में कहा गया था कि जनगणना केंद्र सरकार का अधिकार क्षेत्र है। बिहार सरकार की ओर से गणना असंवैधानिक है। वहीं, शीर्ष न्यायालय ने मामला बिहार से जुड़ा होने के कारण पटना उच्च न्यायालय में सुनवाई करने का आदेश दिया था।

ये भी पढ़ें- दुनिया का सबसे ऊंचा चिनाब रेल ब्रिज तैयार! जानिये, क्या है खास बात

बिहार में जारी जातीय जनगणना
राज्य सरकार का कहना है कि जातीय गणना एक ऐसा सर्वे है, जिसके जरिए सरकार लाभार्थियों की सही संख्या निकालते हुए उस हिसाब से नीतिगत फैसले ले सकेगी। इस सर्वे के जरिए तैयार रिकॉर्ड के आधार पर योजनाओं और सुविधाओं को राज्य के हर आदमी तक पहुंचाने की योजना है। बिहार में बीते सात जनवरी से जातीय गणना शुरू हुई है। 15 अप्रैल से इसके दूसरे चरण की शुरुआत हो चुकी है। 15 मई तक इसे पूरा करने के बाद रिपोर्ट तैयार की जाएगी। अगर कोर्ट इस पर रोक लगाती है तो गणना के आंकड़ों को सार्वजनिक नहीं किया जाएगा।

ये भी देखें- नौ वर्षों में बदली देश की तस्वीर – सीएम योगी

Join Our WhatsApp Community
Get The Latest News!
Don’t miss our top stories and need-to-know news everyday in your inbox.