Diwali 2023: दिवाली पर मां लक्ष्मी के पूजन का क्या है शुभ मुहूर्त और विधि, यहां जानिये

धनतेरस के दिन लोग देवी लक्ष्मी और भगवान कुबेर की पूजा करते हैं। लोग सोना, चांदी, बर्तन, इलेक्ट्रॉनिक्स और अन्य समान भी खरीदते हैं। इस साल दिवाली 12 नवंबर को मनाई जाएगी।

967

रोशनी का त्योहार करीब है। हर साल दिवाली पूरे देश में बहुत ही धूमधाम और भव्यता के साथ मनाई जाती है। लोग अपने घरों को रंगों और रोशनी से सजाते हैं। लोगों के दिलों में खुशी छाई रहती है। पर्व पर लोग अपने प्रियजनों को तोहफे भी देते हैं। दिवाली की शुरुआत धनतेरस से होती है। यह उत्सव का पहला दिन माना जाता है।

धनतेरस के दिन लोग देवी लक्ष्मी और भगवान कुबेर की पूजा करते हैं। लोग सोना, चांदी, बर्तन, इलेक्ट्रॉनिक्स और अन्य समान भी खरीदते हैं। इस साल दिवाली 12 नवंबर को मनाई जाएगी। आमतौर पर, छोटी दिवाली दिवाली से एक दिन पहले मनाई जाती है – हालांकि, इस साल छोटी दिवाली दिवाली के ही दिन है।

देवी लक्ष्मी के रूप
देवी महा लक्ष्मी, देवी महा काली और देवी सरस्वती देवी लक्ष्मी के रूप हैं, जिनकी पूजा धनतेरस और दिवाली के दौरान की जाती है। दिवाली पर महा लक्ष्मी पूजा की जाती है।

शुभ मुहूर्त:
दिवाली पर महा लक्ष्मी पूजन का सबसे अच्छा समय अमावस्या तिथि के दौरान है। यह मुहूर्त 12 नवंबर को दोपहर 2:45 बजे शुरू होगा और 13 नवंबर को दोपहर 2:56 बजे समाप्त होगा।

Ayodhya : दीपोत्सव की तैयारी को लेकर कुलपति ने किया घाटों का निरीक्षण, जानिये कैसी है तैयारी

पूजा सामग्री:
अनुष्ठानों के अनुसार, भक्त सुबह जल्दी उठते हैं और स्नान करते हैं, और फिर अपने पूर्वजों को श्रद्धांजलि देने और देवी-देवताओं की प्रार्थना करने के बाद दिन की शुरुआत करते हैं। चूंकि महा लक्ष्मी पूजा अमावस्या तिथि में पड़ती है, इसलिए यह श्राद्ध अनुष्ठान करने का भी एक शुभ समय है। आमतौर पर, भक्त महा लक्ष्मी पूजा करने से पहले पूरे दिन उपवास रखते हैं। पूजा अनुष्ठान पूरा होने के बाद वे शाम को व्रत तोड़ते हैं। महा लक्ष्मी पूजा के लिए आवश्यक सामग्री में मिठाई, फल, सूखे मेवे, सुपारी, सिक्के और देवी के लिए भोग के रूप में बने व्यंजन शामिल होते हैं।

Join Our WhatsApp Community
Get The Latest News!
Don’t miss our top stories and need-to-know news everyday in your inbox.