#Holi: रक्षा मंत्री ने नौसैनिकों के साथ मनाई होली, कमांडरों को इस बात से किया आगाह

रक्षा मंत्री ने 6 मार्च को स्वदेशी विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत पर आयोजित नौसेना कमांडरों के पहले सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित किया।

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रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने नौसेना कमांडरों को आगाह किया है कि भविष्य के संघर्ष अप्रत्याशित होंगे, जिसके लिए हमें तैयार रहने की जरूरत है। उन्होंने उभरती हुई समुद्री सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए क्षमता बढ़ाने पर भी जोर दिया। उन्होंने नौसेना कमांडरों के साथ बातचीत की और आईएनएस ‘विक्रांत’ पर तैनात नौसैनिकों को गुलाल लगाकर उनके साथ होली की खुशियां साझा कीं। उन्होंने देश के समुद्री हितों की सुरक्षा के लिए नौसेना की क्षमता को उजागर करने वाले परिचालन प्रदर्शनों को भी देखा।

रक्षा मंत्री 6 मार्च को स्वदेशी विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत पर आयोजित नौसेना कमांडरों के पहले सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने नौसेना कमांडर्स सम्मेलन के दौरान भारतीय नौसेना की परिचालन क्षमताओं को भी देखा। कमांडरों को अपने संबोधन में रक्षा मंत्री ने समुद्री डोमेन में उभरती सुरक्षा चुनौतियों को प्रभावी ढंग से दूर करने के लिए भविष्य की क्षमता विकास पर ध्यान केंद्रित करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि भविष्य के संघर्ष अप्रत्याशित होंगे, हमें भविष्य की सभी चुनौतियों से निपटने के लिए तैयार रहने की जरूरत है। उत्तरी और पश्चिमी सीमाओं के साथ-साथ पूरे समुद्र तट पर लगातार सतर्कता बरती जानी चाहिए।

उन्होंने बताया कि रक्षा क्षेत्र प्रमुख रूप से उभरा है, जो अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के साथ देश के विकास को सुनिश्चित कर रहा है। उन्होंने उम्मीद जताई कि अगले 5-10 वर्षों में 100 बिलियन डॉलर से अधिक ऑर्डर मिलने पर रक्षा क्षेत्र देश के आर्थिक विकास में प्रमुख भागीदार बन जाएगा। रक्षा मंत्री ने कहा कि अगर हम ‘अमृत काल’ के अंत तक दुनिया की शीर्ष आर्थिक शक्तियों के बीच भारत को देखना चाहते हैं, तो हमें रक्षा महाशक्ति बनने की दिशा में साहसिक कदम उठाने की जरूरत है।

राजनाथ सिंह ने कहा कि हिंद महासागर क्षेत्र में नौसेना की मिशन आधारित तैनाती ने भारत की स्थिति को इस क्षेत्र के मित्र देशों के ‘पसंदीदा सुरक्षा भागीदार’ के रूप में मजबूत किया है। रक्षा मंत्री ने ‘आत्मनिर्भर भारत’ पहल के तहत जहाजों और पनडुब्बियों के माध्यम से स्वदेशीकरण और नवाचार में सबसे आगे होने के लिए नौसेना की भूमिका को सराहा। देश के पहले स्वदेशी विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत को नौसेना के बेड़े में शामिल किये जाने पर उन्होंने कहा कि इससे यह विश्वास मजबूत हुआ है कि भारत का नौसैनिक डिजाइनिंग और विकास उम्मीदों भरा है और आने वाले समय में और अधिक प्रगति होगी।

रक्षा मंत्री के सामने जटिल विमान वाहक और बेड़े का संचालन करने के साथ ही जहाजों और विमानों से हथियार फायरिंग का प्रदर्शन किया गया। इसके अलावा स्पॉटर ड्रोन, रिमोट नियंत्रित लाइफबॉय और फायर-फाइटिंग बॉट सहित स्वदेशी उत्पादों का प्रदर्शन भी राजनाथ सिंह ने देखा। भारतीय नौसेना ने बड़े डेटा एनालिटिक्स, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, लेजर टेक्नोलॉजी और क्रिप्टोग्राफी के डोमेन में स्वदेशी स्रोतों के माध्यम से प्रगति का भी प्रदर्शन किया। रक्षा मंत्री ने आईएनएस ‘विक्रांत’ पर तैनात नौसैनिकों को गुलाल लगाकर उनके साथ होली की खुशियां साझा कीं।

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