उमरियाः चंदिया रेलवे स्टेशन पर जुटे 80 गांव के 15 हजार लोग, की ये मांग

20 सितंबर की सुबह से ही चंदिया नगर का बाजार पूरी तरह से बंद है। नगर का चप्पा चप्पा सन्नाटे में डूबा हुआ है।

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उमरिया जिले के चंदिया रेलवे स्टेशन पर यात्री ट्रेनों के स्टॉपेज की मांग को लेकर संघर्ष समिति द्वारा मंगलवार को रेल रोको आंदोलन शुरू किया है, जिसमें 80 गांव के करीब 15 हजार से शामिल हुए हैं। इधर, आंदोलन को देखते हुए रेलवे स्टेशन के हर हिस्से में पुलिस बल और आरपीएफ के बल तैनात कर दिया गया है। रेलवे स्टेशन पुलिस छावनी में बदल गई है। प्लेटफार्म नंबर 1, 2 और 3 के अलावा दोनों दिशाओं में लगभग डेढ़ किलोमीटर तक आरपीएफ के जवान तैनात कर दिए गए हैं।

संघर्ष समिति ने ट्रेनों के स्टापेज को लेकर रेलवे प्रशासन को पहले ही बड़े आंदोलन की चेतावनी थी। मंगलवार को सुबह 80 गांव के लोग चंदिडा के गढ़ीचौक पर एकत्रित हुए और रेल रोको आंदोलन के लिए रैली निकालते हुए रेलवे स्टेशन के लिए कूच कर गए। आंदोलनकारी चंदिया रेलवे स्टेशन में उन ट्रेनों के स्टॉपेज की मांग कर रहे हैं, जिनका स्टॉपेज पहले था, लेकिन कोरोना काल के बाद जिसे बंद कर दिया गया।

इधर पुलिस ने भी आंदोलनकारियों से निपटने के लिए पुख्ता इंतजाम किए हैं। सीनियर डीएससी दिनेश सिंह तोमर और एसी विवेक शर्मा ने बताया कि वह आंदोलनकारियों के हर एक्शन के लिए तैयार हैं। आरपीएफ के जवानों को यह हिदायत दे दी गई है कि अगर लाठी चार्ज होता है तो किसी तरह की कोई कोताही न बरती जाए और खुलकर लाठीचार्ज किया जाए।

उल्लेखनीय है कि संघर्ष समिति ने गत 05 सितंबर से क्रमिक अनशन प्रारंभ किया था और 20 सितंबर को रेल रोको आंदोलन की चेतावनी दी थी। रेलवे के अधिकारियों ने अभी तक कोई मांग पूरी नहीं की, जिसके कारण क्षेत्रीय संघर्ष समिति को रेल रोको आंदोलन करने के लिए विवश होना पड़ा। क्षेत्रीय संघर्ष समिति ने 12:00 बजे तक का समय रेलवे के अधिकारियों को दिया था, ताकि वे आकर इस मामले में चर्चा करें और अपनी बातें रखें, लेकिन उनकी मांग पर ध्यान नहीं दिया गया। इसके बाद आंदोलन शुरू हो गया और आंदोलनकारी रैली निकालते हुए रेलवे स्टेशन की ओर कूच कर गए।

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20 सितंबर की सुबह से ही चंदिया नगर का बाजार पूरी तरह से बंद है। नगर का चप्पा चप्पा सन्नाटे में डूबा हुआ है। इस आंदोलन से नगर का हर घर जुड़ गया है। आंदोलनकारियों नेतृत्व कर रहे मिथलेश पयासी ने बताया कि दूरदराज से आने वाले ग्रामीणों के लिए भोजन की व्यवस्था नगर के लोगों ने अपने अपने घरों में की है। हर घर से भोजन के पैकेट तैयार करके आंदोलनकारियों के लिए भेजे जा रहे हैं।

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