Atal Pension Yojana: ठीक नहीं आत्मनिर्भरता और आत्मसम्मान की गारंटी की अवहेलना

उम्र के साथ संभावित कमाई में कमी का खतरा हो या कमाने वाले पारिवासिक सदस्य के पलायन की स्थिति अथवा जीवन यापन की लागत में वृद्धि का जमाना, इन सभी परिस्थितियों में पेंशन के रूप में एक निश्चित मासिक आय बुढ़ापे में सम्मानजनक जीवन को सुनिश्चित करता है।

1134

अश्वनी राय
Atal Pension Yojana:अपने और आश्रितों के भविष्य की सुरक्षा की संकल्पना के मद्देननजर ही पेंशन और बीमा की अवधारणा व्यवहार में आई। जिस तरह से जीवन बीमा कमाने वाले पारिवारिक सदस्य के नहीं होने पर आश्रित्रों को आर्थिक जरुरतों के प्रति एक सुरक्षा प्रदान करता है। उसी तरह से पेंशन योजना बुढ़ापे (old age) के लिए एक मजबूत संबल होती है।

बुढ़ापे का सबसे बड़ा सहारा
अटल पेंशन योजना जितनी फायदे की योजना है, उस अनुपात में इसको लेकर अभी भी लोगों में आकर्षण नहीं दिख रहा है। जबकि हर कोई इस पहलू से अच्छी तरह अवगत है कि पेंशन बुढ़ापे में सबसे बड़ा सहारा होती है। फिर भी युवाओं में इसके प्रति उदासीनता एक सोचनीय विषय है। एक तरह से यह परिणाम संबंधित युवाओं की लापरवाही (Negligence) को ही दर्शाता है। क्योंकि उम्र के साथ संभावित कमाई में कमी का खतरा हो या कमाने वाले पारिवासिक सदस्य के पलायन की स्थिति अथवा जीवन यापन की लागत में वृद्धि का जमाना, इन सभी परिस्थितियों में पेंशन के रूप में एक निश्चित मासिक आय बुढ़ापे में सम्मानजनक जीवन को सुनिश्चित करता है।

हाउस वाइफ महिलाओं के लिए बेहद जरूरी
सबसे बड़ी बात कि अटल पेंशन योजना का विस्तार क्षेत्र अन्य सरकारी योजनाओं से अधिक व्यापक है। जैसे आयुष्मान कार्ड की सुविधा हो या उज्ज्वला योजना, इनका लाभ गरीबी रेखा वाले लोगों को ही दिया जाता है। लेकिन अटल पेंशन योजना इन सब सीमाओं से परे है। फिर भी बहुत से युवा इसकी उपयोगिता को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। जबकि इसकी लागत जरूरी खर्चों से भी काफी कम है। अटल पेंशन योजना में रजिस्ट्रेश उन महिलाओं को तो प्राथमिकता से करा लेना चाहिए जो 40 साल से कम की हैं और हाउस वाइफ हैं। क्योंकि यह पेंशन योजना ऐसी महिलाओं के लिए बुनियादी जरूरतों की पूर्ति के लिए आत्मनिर्भर (self-reliance) बनाकर उनके आत्मसम्मान (self-respect) को सुनिश्चित करेगी ।

असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के लिए निवेश का बेहतर विकल्प
भारत सरकार ने सन 2015-16 में अटल पेंशन योजना (एपीवाई)) की शुरुआत की । यह भारत के नागरिकों के लिए असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों पर केंद्रित एक पेंशन योजना है। मोदी सरकार ने आम लोगों को निवेश के लिए एक बेहतर विकल्प उपलब्ध कराने के लिए यह योजना लायी। इसे गैर सरकारी कर्मचारियों को 60 वर्ष के बाद पेंशन के रूप में एक निश्चित आय का जरिया प्रदान करने के लिए ही लाया गया था।

एपीवाई के लिए पात्रता
एपीवाई के तहत, 60 साल की उम्र में 1,000/- या 2,000/- या 3000/- या 4000 या 5000/- प्रति माह रुपये की न्यूनतम पेंशन की गारंटी ग्राहकों द्वारा योगदान के आधार पर दिए जाने का प्रावधान है। भारत का कोई भी नागरिक एपीवाई योजना शामिल हो सकता हैं। इसके निम्नलिखित पात्रता मानदंड हैं:
ग्राहक की उम्र 18 से 40 साल के बीच होनी चाहिए
उसका एक बचत बैंक खाता डाकघर/बचत बैंक में होना चाहिए
भावी आवेदक एपीवाई अकाउंट में समय-समय पर अपडेट की प्राप्ति की सुविधा के लिए पंजीकरण के दौरान बैंक को आधार और मोबाइल नंबर उपलब्ध करा सकता है। हालांकि, आधार कार्ड नामांकन के लिए अनिवार्य नहीं है।
एपीवाई के लाभ

सरकार की गारंटी
अटल पेंशन योजना के तहत न्यूनतम पेंशन की इस अर्थ में सरकार की गारंटी होगी कि यदि पेंशन योगदान पर वास्तविक रिटर्न अंशदान की अवधि के दौरान कम हुआ तो इस तरह की कमी को सरकार द्वारा वित्त पोषित किया जाएगा। दूसरी ओर, यदि पेंशन योगदान पर वास्तविक रिटर्न न्यूनतम गारंटी पेंशन के लिए योगदान की अवधि में रिटर्न की तुलना में अधिक हैं तो इस तरह के अतिरिक्त लाभ ग्राहक के खाते में जमा किया जायेगा जिससे ग्राहकों को बढ़ा हुआ योजना लाभ मिलेगा।
इस स्कीम में जितनी जल्दी निवेश शुरू किया जाए, उतना ही फायदा होगा। इसमें निवेश की राशि को आप अपने हिसाब से बढ़ा और घटा सकते हैं।
अटल पेंशन योजना की सबसे बड़ी खासियत यह भी है कि यह स्कीम निवेशक की मृत्यु के बाद उसके परिवार को भी लाभ पहुंचाती रहेगी।
अटल पेंशन योजना में निवेश पर इनकम टैक्स एक्ट 80C के तहत 1.5 लाख रुपये तक के टैक्स बेनिफिट की भी सुविधा है।

एपीवाई से निकासी प्रक्रिया
60 वर्ष की आयु प्राप्त करने पर :- 60 वर्ष की समाप्ति पर ग्राहक संबंधित बैंक को गारंटी न्यूनतम मासिक पेंशन या अधिक मासिक पेंशन निकासी के लिए, अगर निवेश रिटर्न एपीवाई में एम्बेडेड गारंटीड रिटर्न की तुलना में अधिक हैं। मासिक पेंशन की समान राशि ग्राहक की मृत्यु पर पति या पत्नी (डिफ़ॉल्ट नामित) को देय है। नामांकित ग्राहक और पति या पत्नी दोनों की मौत पर 60 साल की उम्र तक संचित पेंशन धन की वापसी के लिए पात्र होंगे।
60 साल की उम्र के बाद किसी भी कारण की वजह से ग्राहक की मृत्यु के मामले में :- ग्राहक की मृत्यु के मामले में, वही पेंशन पति या पत्नी को देय है और दोनों की मृत्यु पर (ग्राहक और पति या पत्नी) 60 साल की उम्र तक संचित पेंशन धन नामांकित को वापस किया जायेगा।

60 साल की उम्र से पहले बाहर निकलना :- यदि एक ग्राहक, जिसने एपीवाई के तहत सरकार के सह-योगदान का लाभ उठाया है, भविष्य में स्वेच्छा से एपीवाई बाहर निकलने के लिए चुनता है तो उसे केवल एपीवाई में उनके द्वारा किया गया योगदान उनके योगदान पर अर्जित शुद्ध वास्तविक अर्जित आय के साथ-साथ खाते के रखरखाव शुल्क घटाने के बाद वापस किया जाएगा। सरकार के सह-योगदान है, और सरकार के सह-योगदान पर अर्जित आय, इस तरह के ग्राहकों के लिए वापस नहीं किया जाएगा।

60 साल की उम्र से पहले ग्राहक की मृत्यु :-
60 वर्ष से पहले ग्राहक की मृत्यु के मामले में, एपीवाई खाते में शेष अवधि के लिए जब तक मूल ग्राहक 60 वर्ष की आयु प्राप्त कर लेता, निहित योगदान अपने नाम में जारी रखने का विकल्प पति या पत्नी के पास उपलब्ध होगा। ग्राहक का पति या पत्नी मृत्यु पर वही पेंशन राशि प्राप्त करने का हकदार होगा जो ग्राहक को देय था।
या, एपीवाई के तहत पूरे संचित कोष पति या पत्नी/नामिती को लौटा दी जाएगी।

यह भी पढ़ें – Mumbai Crime: कंस्ट्रक्शन कारोबारी के अपहरण में गैंगस्टर इलियास बचकाना गिरफ्तार, मांगी थी भारी फिरौती

Join Our WhatsApp Community
Get The Latest News!
Don’t miss our top stories and need-to-know news everyday in your inbox.