Cyclone: मिस्र में भारतीय विशेष बल की टुकड़ी का संयुक्त युद्धाभ्यास ‘साइक्लोन’ शुरू, सामरिक संबंध मजबूत बनाने के साथ ही ये है उद्देश्य

युद्धाभ्यास में भारतीय दल का प्रतिनिधित्व पैराशूट रेजिमेंट (विशेष बल) के सैनिक कर रहे हैं। 25 कर्मियों वाले मिस्र के दल का प्रतिनिधित्व मिस्र के कमांडो स्क्वाड्रन और मिस्र के एयरबोर्न प्लाटून कर रही है।

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भारत और मिस्र के बीच संयुक्त विशेष बल युद्धाभ्यास(Joint Special Forces Exercise between India and Egypt) ‘साइक्लोन’(cyclone) 22 जनवरी से शुरू हो गया है। अभ्यास के दूसरे संस्करण(Another version of the exercise) में भाग लेने के लिए 25 कर्मियों वाली भारतीय थल सेना की टुकड़ी(Indian Army contingent of 25 personnel) मिस्र गई है। यह युद्ध अभ्यास 1 फरवरी तक अंशास, मिस्र में किया जाएगा। युद्धाभ्यास का पहला संस्करण पिछले साल भारत में किया गया था।

पैराशूट रेजिमेंट के सैनिक कर रहे हैं नेतृत्व
इस युद्धाभ्यास में भारतीय दल का प्रतिनिधित्व पैराशूट रेजिमेंट (विशेष बल) के सैनिक कर रहे हैं। 25 कर्मियों वाले मिस्र के दल का प्रतिनिधित्व मिस्र के कमांडो स्क्वाड्रन और मिस्र के एयरबोर्न प्लाटून कर रही है। इस युद्धाभ्यास का उद्देश्य संयुक्त राष्ट्र के चार्टर के अध्याय VII के तहत रेगिस्तानी, अर्ध रेगिस्तानी इलाकों में विशेष अभियानों की पृष्ठभूमि में दोनों पक्षों को एक-दूसरे की संचालन प्रक्रियाओं से परिचित कराना है।

दोनों देशों की थल सेनाओं के बीच मजबूत होंगे संबंध
इस युद्धाभ्यास ‘साइक्लोन’ को द्विपक्षीय सैन्य सहयोग विकसित करने और दोनों थल सेनाओं के बीच रिश्तों को मजबूत करने के लिए सामरिक सैन्य युद्धाभ्यासों के रिहर्सल और दोनों सेनाओं के बीच चर्चा के माध्यम से डिजाइन किया गया है। युद्धाभ्यास में उप-पारंपरिक क्षेत्र में विशेष अभियानों की योजना और उनका कार्यान्वयन शामिल होगा और इसे तीन चरणों में किया जाएगा। पहले चरण में सैन्य प्रदर्शनियां और सामरिक बातचीत शामिल होगी। दूसरे चरण में इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी), काउंटर आईईडी और कॉम्बैट फर्स्ट एड पर प्रशिक्षण पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।

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अंतिम चरण में लड़ाई और बंधक बचाव परिदृश्यों पर आधारित
अभ्यास के तीसरे और अंतिम चरण में लड़ाई और बंधक बचाव परिदृश्यों पर आधारित संयुक्त सामरिक युद्धाभ्यास शामिल होगा। यह युद्धाभ्यास दोनों देशों के सैन्य दलों को अपने संबंधों को मजबूत करने और सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करने का अवसर प्रदान करेगा। यह साझा सुरक्षा उद्देश्यों को प्राप्त करने और दोनों मित्र देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ावा देने के लिए एक मंच के रूप में भी कार्य करेगा।

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