पूर्व सैनिकों और उनके परिवारों का सम्मान हर भारतीय का कर्तव्य- Rajnath Singh

एक राष्ट्र के रूप में हमारा कर्तव्य यह होना चाहिए कि हम उस सैनिक के साथ तथा उसके परिवार के साथ ऐसा व्यवहार करें कि आने वाली कई पीढ़ियों तक जब भी कोई व्यक्ति सैनिक बने, तो उसके मन में यह भाव रहे कि यह देश उसे अपना परिवार मानता है।

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रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) रविवार को सेना दिवस से ठीक एक दिन पहले सशस्त्र बल पूर्व सैनिक दिवस (armed forces veterans day) पर रविवार को देश के सैन्य इतिहास में कानपुर शहर के महत्व (Importance of Kanpur city in military history) को याद किया। उन्होंने कहा कि यह किसी संयोग से कम नहीं है कि हम अपने पूर्व सैनिकों के सम्मान (honoring ex-servicemen) के लिए कानपुर जैसी जगह पर एकत्र हुए हैं। यहीं से 1857 के ग़दर की शुरुआत हुई थी और आजाद हिंद फौज की पहली महिला कैप्टन का भी कानपुर से बड़ा आत्मीय नाता रहा है।

मैं रहूं या ना रहूं, मेरा देश रहना चाहिए
कानपुर में वायु सेना स्टेशन पर सशस्त्र बल पूर्व सैनिक दिवस समारोह में रक्षा मंत्री ने कहा कि सैनिकों के साथ हमारा आत्मीय संबंध तो है ही, लेकिन हम यदि कभी एक सैनिक के परिप्रेक्ष्य से सोचें, तो हमें देश के प्रति उनकी भावनाओं की गहराइयों में उतरने का मौका मिलेगा। अगर सेना का कोई जवान कारगिल की चोटियों पर तैनात है, तो नौसेना का कोई नाविक हिंद महासागर की गहराइयों में हमारी सुरक्षा कर रहा है। इसी तरह कोई वायु योद्धा किसी सुदूर एयरबेस में हमारे वायु क्षेत्र की सुरक्षा कर रहा है। एक सैनिक को इस राष्ट्र का अस्तित्व बनाए रखने के लिए, इस राष्ट्र की जीवंतता बनाए रखने के लिए वह नैतिक बल मिलता है, जिसके कारण वह मौत का भी सामना करने को तैयार रहता है। उस सैनिक का सबसे बड़ा धर्म यह हो जाता है कि मैं रहूं या ना रहूं, मेरा देश रहना चाहिए, क्योंकि अगर यह देश जीवित रहेगा तो उसका नाम भी जिंदा रहेगा।

केंद्र सरकार ने पूर्व सैनिकों पर दिया विशेष ध्यान
उन्होंने आम लोगों से आह्वान किया कि एक राष्ट्र के रूप में हमारा कर्तव्य यह होना चाहिए कि हम उस सैनिक के साथ तथा उसके परिवार के साथ ऐसा व्यवहार करें कि आने वाली कई पीढ़ियों तक जब भी कोई व्यक्ति सैनिक बने, तो उसके मन में यह भाव रहे कि यह देश उसे अपना परिवार मानता है। यह देश उसे किसी भी मुसीबत में अकेला नहीं छोड़ने वाला। केंद्र सरकार ने पूर्व सैनिकों पर विशेष ध्यान दिया है। चाहे वह वन रैंक वन पेंशन लागू करने की बात हो या फिर उनके लिए स्वास्थ्य देखभाल करने की बात हो, उनके पुन: रोजगार की बात हो या फिर समाज में उनके सम्मान की बात हो, हम लगातार अपने पूर्व सैनिकों का ख्याल रख रहे हैं।

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