Indian Navy: भारत ने चार दिनों के भीतर अदन की खाड़ी में बचाया दो विदेशी जहाज

कमांडर विवेक मधवाल ने बताया कि पलाऊ ध्वजांकित एमवी आइलैंडर में 22 फरवरी को ड्रोन, मिसाइल के संभावित हमले के बाद आग लग गई। सूचना मिलने पर समुद्री सुरक्षा अभियानों के लिए अदन की खाड़ी में तैनात नौसेना के विध्वंसक जहाज संकट कॉल का तेजी से जवाब देते हुए दोपहर में आसपास के क्षेत्र में पहुंचे।

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Indian Navy: भारतीय नौसेना (Indian Navy)ने चार दिनों के भीतर अदन की खाड़ी (Gulf of Aden) में दो विदेशी जहाजों (foreign ships) को चिकित्सा सहायता (medical help) पहुंचाकर महत्वपूर्ण दवाएं प्रदान की हैं। मिशन पर तैनात भारत के युद्धपोतों (india warships) ने एक बार फिर व्यापारिक नौवहन और नाविकों की सुरक्षा के प्रति भारतीय नौसेना की दृढ़ प्रतिबद्धता की पुष्टि की है।

कमांडर विवेक मधवाल ने बताया कि पलाऊ ध्वजांकित एमवी आइलैंडर में 22 फरवरी को ड्रोन, मिसाइल के संभावित हमले के बाद आग लग गई। सूचना मिलने पर समुद्री सुरक्षा अभियानों के लिए अदन की खाड़ी में तैनात नौसेना के विध्वंसक जहाज संकट कॉल का तेजी से जवाब देते हुए दोपहर में आसपास के क्षेत्र में पहुंचे। इसके बाद भारतीय नौसेना के ईओडी विशेषज्ञ जहाज पर चढ़े और जहाज को आगे के पारगमन के लिए मंजूरी दे दी गई। मेडिकल टीम भी जहाज पर चढ़ गई और चालक दल के एक घायल सदस्य को चिकित्सा सहायता प्रदान की।

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अल अरीफी को प्रदान किया चिकित्सा सहायता
उन्होंने बताया कि इसी तरह अदन की खाड़ी में तैनात आईएनएस शिवालिक ने 19 फरवरी को एक ईरानी मछली पकड़ने वाले जहाज (एफवी) अल अरीफी को चिकित्सा सहायता प्रदान की। इस पर 18 सदस्यीय पाकिस्तानी चालक दल सवार था। चिकित्सा आपातकाल की चेतावनी पर त्वरित प्रतिक्रिया देते हुए भारतीय जहाज ने संकटग्रस्त चालक दल को विशेषज्ञ चिकित्सा सलाह और महत्वपूर्ण दवाएं प्रदान कीं।

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नाविकों की सुरक्षा के प्रति भारतीय नौसेना दृढ़
उन्होंने बताया कि आईएनएस शिवालिक को प्रधानमंत्री के सागर (क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास) के दृष्टिकोण के व्यापक दायरे के तहत समुद्री सुरक्षा संचालन के भारतीय नौसेना के आदेश के अनुरूप क्षेत्र में तैनात किया गया है। कमांडर मधवाल का कहना है कि भारतीय युद्धपोतों के अथक प्रयास व्यापारिक नौवहन और नाविकों की सुरक्षा के प्रति भारतीय नौसेना की दृढ़ प्रतिबद्धता की पुष्टि करते हैं।

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