प्रोजेक्ट-75 आई! मतलब दुश्मन का…

नौसेना के बेड़े में पांचवी स्कॉर्पीन क्लास पनडुब्बी आईएनएस वगीर का जलावतरण आत्मनिर्भर भारत और मेक इन इंडिया के मूल मंत्र का साकार रूप है। जिसे फ्रांसिसी कंपनी के सहयोग से मझगांव गोदी (डॉक) में विकसित किया गया।

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भारत अपनी जल सीमा को सुरक्षित करने के लिए निरंतर प्रयासरत है। इसी क्रम में भारतीय नौसेना प्रोजेक्ट-75 आई के अंतर्गत स्कॉर्पीन क्लास पनडुब्बियों के निर्माण का कार्य कर रही है। इसमें पांचवी पनडुब्बी आईएनएस वगीर का लोकार्पण हुआ। इन पनडुब्बियों की शक्ति से अब भारत की सीमा में टेढ़ी दृष्टि करने का अर्थ शत्रु के लिए विध्वंस ही है।

नौसेना के बेड़े में पांचवी स्कॉर्पीन क्लास पनडुब्बी आईएनएस वगीर का जलावतरण आत्मनिर्भर भारत और मेक इन इंडिया के मूल मंत्र का साकार रूप है। जिसे फ्रांसिसी कंपनी के सहयोग से मझगांव गोदी (डॉक) में विकसित किया गया। जलावतरण के बाद एक वर्ष तक पनडुब्बी के विभिन्न उपकरणों और प्रणालियों का गहन परीक्षण होगा। इससे यह सुनिश्चित किया जाएगा कि यह पनडुब्बी पूरी तरह अपनी भूमिका निभाने के लिये तैयार है या नहीं।

क्या है स्कॉर्पीन श्रेणी पनडुब्बी?

स्कॉर्पीन श्रेणी की पनडुब्बियां किसी भी खतरे में परिचालन करने की क्षमता रखती हैं। ये पनडुब्बियां सभी प्रकार के मिशन में कार्यरत रहने की क्षमता रखती हैं, जिसमें सतह पर होने वाले युद्ध, पनडुब्बी–रोधी युद्ध, खुफिया जानकारी एकत्र करना, सुरंग खोदना और क्षेत्र निगरानी शामिल हैं। इन पनडुब्बियों में गोपनीयता की शीर्ष विशेषताएं हैं। जिनमें शामिल हैं…

  • उन्नत ध्वनि साइलेंसिंग तकनीकी
  • हाइड्रो–डायनामिक से अनुकूलित आकार
  • परिशुद्धता निर्देशित हथियारों से दुश्मन को अपंग करने की क्षमता।

ये है प्रोजेक्ट-75 आई!

  • 1997 में रक्षा मंत्रालय ने 24 पनडुब्बियों के अधिग्रहण को मंजूरी दी
  • इसे परियोजना -75 के अंतर्गत मिली मंजूरी
  • 1998 में भारत ने फ्रांस की डीसीएन कंपनी से बातचीत शुरू की
  • 4 स्कॉर्पीन क्लास पनडुब्बी निर्माण के लिए बात हुई
  • 1999 में कारगिल युद्ध के बाद बदली रणनीति
  • सुरक्षा मामलों की कैबिनेट कमिटी ने किया बदलाव
  • परियोजना -75 को परियोजना -75 आई के अंतर्गत लाया गया
  • इसमें निर्माण की दो लाइनों पर कार्य को मंजूरी
  • हर लाइन में 6 पनडुब्बियों का निर्माण
  • इसमें विदेशी निर्माताओं से तकनीकी हस्तांतरण भी शामिल है
  • 2006 में भारत ने निर्माण के लिए सहमति पत्र पर हस्ताक्षर
  • मझगांव गोदी लिमिटेड, फ्रांस सरकार, आरमरीज, डीसीएन के साथ 6 पनडुब्बी निर्माण पर सहमति बनी
  • इस योजना में 5 पनडुब्बियों का हो चुका है निर्माण
  • 2 पनडुब्बी सेवा में हैं, 2 पनडुब्बी जांच प्रणाली में हैं
  • पांचवी और नई पनडुब्बी आईएनएस वगीर का जलावतरण हुआ
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