वीरता, शौर्य और पराक्रम का स्वर्णिम विजयोत्सव

साल 1971 के युद्ध में भारत ने पाकिस्तान को करारी शिकस्त दी थी, जिसके बाद पूर्वी पाकिस्तान आजाद हो गया, जो आज बांग्लादेश के नाम से जाना जाता है।

105

16 दिसंबर 1971 भारत के लिए ऐतिहासिक और राष्ट्रीय गौरव का दिन है। इसी दिन भारत ने पाकिस्तान को परास्त कर उसके घमंड को चूर-चूर कर दिया था, इस दिन भारतीय सेना के वीर बांकुड़ों ने पाकिस्तानी सेना को धूल चटाते हुए पाकिस्तान को शरणागत के लिए मजबूर कर दिया था। इसके बाद 93 हजार पाकिस्तानी सेना के जवानों ने आत्मसमर्पण कर दिया था। साल 1971 के युद्ध में भारत ने पाकिस्तान को करारी शिकस्त दी थी, जिसके बाद पूर्वी पाकिस्तान आजाद हो गया, जो आज बांग्लादेश के नाम से जाना जाता है।

पूर्वी पाकिस्तान में पाक सेना के तत्कालीन कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल एएके नियाजी ने भारत के पूर्वी सैन्य कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल जगजीत सिंह अरोड़ा के समक्ष आत्मसमर्पण किया था, जिसके बाद 17 दिसम्बर को 93,000 पाकिस्तानी सैनिकों को युद्धबंदी बनाया गया था।

पाकिस्तानी सेना के अत्याचार के विरोध के लिए मुक्ति वाहिनी का गठन
बांग्लादेश की आजादी की लड़ाई के समय मुक्ति वाहिनी का गठन किया गया था। इसका गठन पाकिस्तानी सेना के अत्याचार के विरोध में किया गया था। 1969 में पाकिस्तान के तत्कालीन सैनिक शासक जनरल अयूब के खिलाफ पूर्वी पाकिस्तान में असंतोष बढ़ गया था। बांग्लादेश के संस्थापक नेता शेख मुजीबुर रहमान के आंदोलन के दौरान 1970 में पाक का अत्याचार चरम पर था।

ये भी पढ़ेंः खालिस्तानियों को लगा झटका!

भारत ने की मदद करने की घोषणा
मार्च 1971 के अंत में भारत सरकार ने मुक्ति वाहिनी की मदद करने का निर्णय लिया। 29 जुलाई 1971 को भारतीय संसद में सार्वजनिक रुप से पूर्वी बंगाल के लड़ाकों को मदद करने की घोषणा की गई। इसके लिए भारतीय सेना ने अपनी तैयारी शुरू कर दी। 3 दिसंबर को पाकिस्तान ने भारत के 11 एयरफील्डस पर हमला कर दिया। इसके बाद दोनों में युद्ध शुरू हो गया। भारतीय जंगबाजों ने मात्र 13 दिन में पाकिस्तानी सेना को खदेड़ दिय। 17 दिसंबर 1970 को पाकिस्तान के 93 हजार से भी ज्यादा सैनिकों को बंदी बना लिया गया। इस युद्ध में भारत के करीब चार हजार सैनिक शहीद हुए थे। इस ऐतिहासिक जीत की याद में भारत हर साल 16 दिसंबर को विजय दिवस के रुप में मनाता है।

 खास घटनाक्रम

  • 1971 में हुआ भारत- पाक युद्ध दोनों देशों के बीच हुआ तीसरा युद्ध था
  • 23 नवंबर 1971 को सैनिक शाशक जनरल अयूब ने आपात काल की घोषणा की
  • इसके बाद भारतीय सेना को युद्ध करने के लिए तैयार रहने का आदेश दिया गया
  • रविवार, 3 दिसंबर 1971 को पाकिस्तानी वायु सेना ने पहले हमला किया
  • उत्तर भारत के कई हवाई अड्डों पर पाकिस्तान ने हमला कर दिया
  • मात्र 120 भारतीय सैनिकों ने पाकिस्तान के 2000 सैनिकों का पूरी वीरता से मुकाबला किया
  • भारतीय सेना  ने पाकिस्तान की सीमा से लगे 14 हजार वर्ग किलोमीटर क्षेत्र पर कब्जा कर लिया
  • भारतीय नेवी और वायु सेना ने ऑपरेशन पायथॉन शुरू कर दिया
  • विमानवाहक युद्धपोत का इस्तेमाल कर पूर्वी पाकिस्तान के चितगांव हवाई अड्डे को ध्वस्त कर दिया
  • पश्चिम में भारतीय नेवी के जवानों ने कराची बंदरगाह को बर्बाद कर दिया
  • इस कार्रवाई में पाकिस्तान के दो युद्धपोत भी तबाह हो गए
  • भारत की वायु सेना के 4 हदार विमानों ने उड़ान भरा और 15 दिसंबर को भारतीय सेना ने ढाका पर कब्जा कर लिया
  • भारत ने 93 हजार से ज्यादा पाकिस्तानी सैनिकों को बंदी बना लिया
  • 16 दिसंबर 1971 को पूर्वी पाकिस्तान में पाकिस्तानी सेना ने सरेंडर कर दिया
  • 17 दिसंबर को पाकिस्तान सरकार ने भी सरेंडर कर दिया
  • इस युद्ध में भारत की पाकिस्तान पर निर्णायक जीत हुई और बांग्लादेश का निर्माण हुआ

 

Join Our WhatsApp Community
Get The Latest News!
Don’t miss our top stories and need-to-know news everyday in your inbox.