भारत अब आकाश मिसाइलों का निर्यातक भी होगा। इस संबंध में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आवश्यक मंजूरी दे दी है। आकाश मिसाइल सिस्टम स्वदेशी तकनीकी पर आधारित है। इस संबंध में कैबिनेट ने एक कमेटी के गठन को भी मंजूरी दे दी है जिससे तीव्र गति से मान्यताएं ली जा सकें। यह आयुध निर्यात के क्षेत्र में देश की लंबी छलांग है।
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विश्व में भारत तीसरा सबसे बड़ा आयुध आयातकर्ता देश है। लेकिन डिफेंस प्रमोशन एंड एक्सपोर्ट प्रमोशन पॉलिसी 2020 के अंतर्गत डिफेंस मेन्यूफैक्चरिंग सेक्टर को बढ़ावा देकर अर्थव्यवस्था को बल देने की योजना शुरू की गई है। देश को आत्मनिर्भर बनाना इस योजना का प्रमुख अंग है। इसी आत्मनिर्भर भारत की एक छवि है आकाश मिसाइल का निर्यात। जिससे देश के आर्थिक विकास को बल मिलेगा। आकाश मिसाइल का निर्माण 96 प्रतिशत स्वदेशी तकनीकी पर आधारित है। सतह से हवा में मार करनेवाली आकाश मिसाइल के निर्यात संस्करण की क्षमता वर्तमान में भारतीय सेना द्वारा उपयोग की जा रही मिसाइल से भिन्न होगी।
Under the #AtmaNirbharBharat, India is growing in its capabilities of manufacturing wide variety of Defence platforms & missiles.
The Cabinet chaired by PM @narendramodi ji today approved the export of Akash Missile System and a Committee for faster Approvals has been created.
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) December 30, 2020
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डीआरडीओ द्वारा विकसित
आकाश मिसाइल का विकास डिफेंस रिसर्च डेवलेपमेंट ऑर्गेनाइजेशन ने किया है। आकाश का सतह से हवा में मार करनेवाला संस्करण दूर दराज के दुश्मन के ठिकाने को भी निशाना बनाने में सक्षम है। यह एक साथ कई टार्गेट को ध्वस्त कर सकता है। इसे मोबाइल प्लेटफार्म से भी लांच किया जा सकता है।
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